अप्रैल माह का पूर्णिमा चंद्रमा, जिसे ‘पिंक मून’ (गुलाबी चंद्रमा) के नाम से जाना जाता है, एक खूबसूरत और मनमोहक खगोलीय घटना है। यह चंद्रमा न केवल अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके साथ कई दिलचस्प परंपराएं और मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं। 23 अप्रैल 2024 को दुनिया के कई हिस्सों में पिंक मून देखा गया। हालांकि पिंक मून असल में पूरी तरह गुलाबी नहीं दिखता है बल्कि यह अपने उपनाम के विपरीत सुनहरा दिखाई देता है, जो धीरे-धीरे एक सफेद चमक में परिवर्तित हो जाता है।
“पिंक मून” नाम की उत्पत्ति उत्तरी अमेरिका के मूल निवासी जनजातियों से हुई है। इन जनजातियों का मानना था कि अप्रैल माह में खिलने वाले फ्लॉक्स सुबुलाता (Phlox Subulata) नामक जंगली फूलों के गुलाबी रंग के कारण इस चंद्रमा को यह नाम दिया गया था। इस उपनाम का प्रचलन 1930 के दशक में शुरू हुआ जो बाद में दूर-दूर तक फैल गया।
मेन फार्मर्स अल्मनैक ने 1930 के दशक में पूर्ण चंद्रमा के लिए “भारतीय” नामों को प्रकाशित करना शुरू किया और ये नाम अब व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं। इस पंचांग के अनुसार, अप्रैल में पूर्णिमा के रूप में उत्तरपूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका की जनजातियाँ इसे गुलाबी चंद्रमा कहती हैं, जिसका नाम जड़ी बूटी वाले पौधे मॉस गुलाबी के नाम पर रखा गया। इसे रेंगने वाले फ्लॉक्स, मॉस फ्लॉक्स या माउंटेन फ्लॉक्स के रूप में भी जाना जाता है।
दरअसल अप्रैल महीने में उत्तरी अमेरिका में कई जगहों पर “फ्लॉक्स सुबुलाता” नामक जंगली फूल खिलते हैं। इन फूलों का रंग गुलाबी होता है, इसलिए इस महीने के पूर्ण चंद्रमा को “पिंक मून” (गुलाबी चंद्रमा) का नाम दिया गया। वहीं कुछ जनजातियों का मानना था कि इस चंद्रमा (पूर्ण चंद्रमा) की रोशनी इन फूलों के गुलाबी रंग को और भी ज्यादा चटक बना देती हैंं। पूर्ण चंद्रमा के अन्य नामों में स्प्राउटिंग ग्रास मून, एग मून और तटीय जनजातियों के बीच फिश मून शामिल हैं, क्योंकि यही वह समय था जब शैड (अमेरिकन मछली) अंडे देने के लिए ऊपर की ओर आती है और लोग इसका शिकार करते हैं।
विभिन्न धर्मों में पूर्णिमा
हिंदू चंद्र-सौर कैलेंडर में कई भिन्नताएं हैं, लेकिन अधिकांश क्षेत्रों के लिए यह पूर्णिमा हनुमान जयंती उत्सव से मेल खाती है। वहीं बौद्धों के लिए, विशेष रूप से श्रीलंका में यह पूर्णिमा बाक पोया के रूप में जाना जाता है। यह उस समय की याद दिलाती है जब बुद्ध ने श्रीलंका का दौरा किया था और युद्ध को टालते हुए प्रमुखों के बीच विवाद को सुलझाया था। जबकि यह पूर्णिमा इस्लामिक कैलेंडर के दसवें महीने शव्वाल के मध्य और ड्रैगन के चीनी वर्ष के तीसरे महीने के मध्य के करीब आता है। ईसाई धर्म में, ईस्टर का त्योहार पहले पूर्णिमा के बाद वाले पहले रविवार को मनाया जाता है। चूंकि अप्रैल में आमतौर पर एक पूर्णिमा आती है, इसलिए इसे “ईस्टर मून” या “पिंक मून” भी कहा जाता है।
मान्यताएं और परंपराएं
कई संस्कृतियों में, “पिंक मून” को फसलों की बुवाई और रोपाई का समय माना जाता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, “पिंक मून” प्रेम और रोमांस का प्रतीक है। इस चंद्रमा की रोशनी में प्रेम संबंधों में मजबूती आने की बात कही जाती है।
2024 में कुल 12 पूर्ण चंद्रमा होंगे
अर्थस्काई की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में कुल 12 पूर्ण चंद्रमा होंगे। सितंबर और अक्टूबर में पूर्ण चंद्रमा के सुपरमून होने की भविष्यवाणी की गई है। सुपरमून की परिभाषा अलग-अलग हो सकती है, लेकिन यह आम तौर पर एक पूर्णिमा को संदर्भित करता है जो सामान्य से अधिक पृथ्वी के करीब होता है, जिसके परिणामस्वरूप रात में चंद्रमा काफी बड़ा और उजला दिखाई देता है। कुछ खगोलशास्त्री इस घटना को तब घटित मानते हैं जब चंद्रमा 90% पेरिजी (भू-समीपक) के भीतर होता है, जो पृथ्वी का निकटतम बिंदु है। गौरतलब है कि “पिंक मून” का चंद्रमा का रंग वास्तव में गुलाबी नहीं होता है। यह केवल एक नाम है जो इस महीने के पूर्ण चंद्रमा को दर्शाता है और इसकी वजह ऊपर बताई गई परंपराएं हैं।
अन्य संस्कृतियों में अप्रैल के पूर्ण चंद्रमा को अन्य नामों से भी जाना जाता है
- Sprouts Moon (स्प्राउट्स मून): यह नाम नए पौधों और पेड़ों की वृद्धि का प्रतीक है।
- Egg Moon (एग मून): यह नाम चंद्रमा के गोल आकार से प्रेरित है, जो एक अंडे जैसा दिखता है।
- Fish Moon (फिश मून): यह नाम इस समय मछलियों के पकड़ने के मौसम से जुड़ा है।
आने वालीं पूर्णिमाओं का शेड्यूल
23 मई: फ्लॉवर मून (Flower moon)
21 जून: स्ट्रॉबेरी मून (Strawberry moon)
21 जुलाई: बक मून (Buck moon)
19 अगस्त: स्टर्जन मून (Sturgeon moon)
17 सितंबर: हार्वेस्ट मून (Harvest moon)
17 अक्टूबर: हंटर मून (Hunter’s moon)
15 नवंबर: बीवर मून (Beaver moon)
15 दिसंबर: कोल्ड मून (Cold moon)