साउथ दिल्ली के एलिट फ्रेंड्स कॉलोनी के ए-50 नंबर के बंगले के आसपास पहले खूब चहलपहल होती थी। अब पहले वाली रौनक नजर नजर नहीं आती। यहां पर एक जमाने में शक्तिशाली नेताओं, अभिनेताओं, बड़े उद्योगपतियों, असरदार सरकारी बाबुओं वगैरह का दिन-भर आना जाना लगा रहता था। दरअसल ए-50 धीरेन्द्र ब्रहमचारी का आशियाना था। यहीं उनका परिवार भी रहता था। धीरेन्द्र ब्रहमचारी की पहुंच उस दौर में प्रधानमंत्री आवास 1 सफदरजंग रोड तक थी। यह सारा देश जानता था। वे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योग गुरु थे।
इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को जघन्य हत्या के बाद धीरेन्द्र ब्रह्मचारी के सितारे गर्दिश में चले गए। इंदिरा गांधी की हत्या से धीरेन्द्र ब्रहमचारी टूट गए। उनकी देखरेख में ही इंदिरा गांधी की अत्येष्टि हुई। संजय गांधी की अत्येष्टि की भी व्यवस्था धीरेन्द्र ब्रहमचारी देख रहे थे। इसके साथ ही उनके सितारे गर्दिश में आने लगे। दूरदर्शन पर उनका कार्यक्रम बंद हो गया था।
बिहार के मधुबनी से संबंध रखने वाले धीरेन्द्र ब्रहमचारी नेहरू 1958 में ही दिल्ली आ गए थे। उनके प्रारंभिक जीवन के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह ज्ञात है कि उन्होंने कम उम्र में ही योग और ध्यान का अभ्यास शुरू कर दिया था। उन्होंने स्वामी कार्तिक महाराज से योग की शिक्षा प्राप्त की। वे योग विद्या में निपुण थे। उस दौर में योग को लेकर आज की तरह की जागरूकता भी नहीं थी। वे गजब के महत्वाकांक्षी शख्स भी थे।