बेंगलुरुः रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) के उस फैसले के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख किया है जिसमें 4 जून को हुई भगदड़ के लिए टीम को जिम्मेदार ठहराया गया था।

4 जून को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी की जीत के बाद विजय समारोह का आयोजन किया गया था। इस दौरान भगदड़ मच गई थी, इसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 33 लोग घायल हो गए थे।

पुलिस ने नहीं ली अनुमति

CAT ने 1 जुलाई को अपने आदेश में कहा "आरसीबी ने पुलिस से उचित अनुमति या सहमति नहीं ली। अचानक उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पोस्ट कर दिया और उपरोक्त जानकारी के आधार पर जनता एकत्र हो गई।"

कैट ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास कुमार विकास की याचिका पर कर्नाटक सरकार के निलंबन के आदेश को रद्द करते हुए आगे कहा "अचानक आरसीबी ने बिना किसी पूर्व अनुमति के उपरोक्त प्रकार का उपद्रव किया।"

रद्द किए गए आदेश में विकास कुमार के अलावा दो अन्य निलंबित अधिकारियों बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी दयानंद और डीसीपी शेखर एच टेक्कानवार के नाम भी थे। 

पुलिस का किया बचाव

बेंच ने सुनवाई के दौरान आगे कहा कि पुलिस से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह सिर्फ 12 घंटों में नियमों के मुताबिक व्यवस्था कर दे। अदालत ने कहा "पुलिसकर्मी भी इंसान ही हैं। वे न तो 'भगवान' हैं और न ही जादूगर, और न ही उनके पास... 'अलादीन का चिराग' है जो किसी की भी इच्छा पूरी कर सके।"

मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को है और हाई कोर्ट ने कैट के आदेश को तब तक रोक लगाने से इंकार कर दिया। 

इस बीच अब आरसीबी ने हाई कोर्ट का रुख किया है जिसमें भगदड़ के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया है। 

इस साल आरसीबी ने 18 साल में पहली बार आईपीएल (IPL) का खिताब जीता। आरसीबी के फैंस और टीम लंबे समय से खिताब जीतने का इंतजार कर रही थी।