नई दिल्ली: भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर महत्वपूर्ण क्वार बांध के निर्माण में तेजी लाने के लिए 3,119 करोड़ रुपये के ऋण को प्राप्त करने की कोशिशें तेज कर दी है। यह एक ग्रीनफील्ड भंडारण प्रकार की परियोजना होगी।
इससे सिंधु जल संधि से भारत के अलग होने के ऐलान बाद भी पाकिस्तान को पहुंच रहा पानी व्यापक तौर पर प्रभावित होगा। जाहिर तौर पर भारत सरकार की बांध के निर्माण को लेकर इस तेजी से पाकिस्तान की चिंता बढ़ेगी।
एनएचपीसी लिमिटेड और जम्मू-कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम लिमिटेड का एक संयुक्त उद्यम- चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (सीवीवीपीएल) इस परियोजना पर काम कर रहा है। सीवीवीपीएल अब 540 मेगावाट की क्वार जलविद्युत परियोजना के लिए 3,119 करोड़ रुपये का ऋण जुटाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए विभिन्न वित्तीय संस्थानों और बैंकों से कोशिशें जारी हैं।
4526 करोड़ है पूरी परियोजना की लगत
वेबसाइट न्यूज-18 की रिपोर्ट के अनुसाक इस निर्माणाधीन पूरी परियोजना की कुल लागत 4,526 करोड़ रुपये है। इस परियोजना में एक प्रमुख पड़ाव यानी चिनाब नदी का जलमार्ग मोड़ने का काम जनवरी 2024 में पूरा हुआ था। यह परियोजना के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि इससे मुख्य बांध निर्माण कार्य शुरू होने का रास्ता तैयार हो गया है। बांध निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा इस अवधि के दौरान परियोजना के अन्य विभिन्न पहलुओं पर भी कार्य शुरू किए गए, जिनमें सबसे उल्लेखनीय 609 मीटर लंबी मुख्य सुरंग की खुदाई का काम था।
यह परियोजना जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर स्थित है। इसमें 109 मीटर ऊँचे कंक्रीट ग्रेविटी बांध बनाने की परिकल्पना की गई है और इसका वार्षिक उत्पादन 1975 मिलियन यूनिट होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल, 2022 को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। सरकार 2027 तक क्वार जलविद्युत परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इस परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र में ऊर्जा की उपलब्धता में सुधार होगा जिससे देश और विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को और गति मिलेगी। यह परियोजना किश्तवाड़ से लगभग 28 किमी दूर स्थित है।