नई दिल्लीः उदयपुर में साल 2022 में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स: कन्हैयालाल टेलर मर्डर’ की प्रस्तावित रिलीज से ठीक एक दिन पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने इसके प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। इस फैसले से पीड़ित परिवार खासा आहत है। कन्हैयालाल के बेटे यश साहू ने इसे न्याय की राह में एक और बाधा करार देते हुए कहा कि “फिल्म सच्चाई उजागर करने के लिए बनाई गई थी, लेकिन अब उसे भी दबा दिया गया है।”
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में यश साहू ने कहा, “घटना को तीन साल हो गए हैं, लेकिन अब तक हमें न्याय नहीं मिला। ये फिल्म हमारे लिए एक उम्मीद थी, जिससे सच्चाई लोगों के सामने आती, लेकिन अब उस पर भी रोक लगा दी गई।”
उन्होंने आगे कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन पहले ही मेरे पिता के हत्यारों में से एक जावेद की याचिका खारिज कर फिल्म की रिलीज़ को मंजूरी दी थी। हमें उम्मीद थी कि हाईकोर्ट भी वैसा ही करेगा, लेकिन उसने प्रदर्शन पर रोक लगा दी। यह मामला केंद्र सरकार से जुड़ा है और हम चाहते हैं कि वह हस्तक्षेप करे। यह फिल्म आतंकवाद पर है, किसी समुदाय के खिलाफ नहीं।”
Noida, Uttar Pradesh: Delhi High Court stays the release of the film "Udaipur Files: Kanhaiya Lal Tailor Murder"
— IANS (@ians_india) July 10, 2025
Son of Kanhaiya Lal, Yash Sahu, says, "Two days ago, the Supreme Court rejected a petition filed by one of the accused in my father’s murder case—Javed—and allowed… pic.twitter.com/uRLTnc2N94
दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई के बाद लगाई रोक
गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की पीठ ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का आदेश दिया। यह आदेश दो याचिकाओं की सुनवाई के बाद आया – एक जमीयत उलेमा-ए-हिंद और दूसरी पत्रकार प्रशांत टंडन द्वारा दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि फिल्म की संवेदनशील विषयवस्तु सांप्रदायिक तनाव को भड़का सकती है और कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बन सकती है।
कोर्ट ने निर्देश दिया कि यह अंतरिम रोक तब तक जारी रहेगी जब तक केंद्र सरकार, फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) द्वारा फिल्म को सर्टिफिकेट दिए जाने के खिलाफ जमीयत की पुनर्विचार याचिका पर अपना पक्ष नहीं रख देती।
फिल्म को सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिलने से पहले ही 150 कट झेलने पड़े थे। इसके बावजूद फिल्म को प्रदर्शन के लिए प्रमाणित किया गया था। अब न्यायिक आदेश के चलते फिल्म की रिलीज़ पर अनिश्चितता छा गई है।
क्या है मामला?
24 जून 2022 को राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की उनके ही दुकान में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। यह हत्या उस वक्त हुई थी जब उन्होंने कथित रूप से भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा किया था। इस वीभत्स हत्या का वीडियो भी बनाया गया था, जिसने देशभर में सनसनी फैला दी थी। मामला राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) को सौंपा गया था और आरोपियों पर आतंकवाद से जुड़े कड़े प्रावधानों के तहत केस चल रहा है।
यश साहू और उनका परिवार अब फिल्म को न्याय की उम्मीद के तौर पर देख रहा था। उनका कहना है कि जब अदालतें दोषियों पर तेजी से कार्रवाई नहीं कर रहीं, तब कम से कम एक फिल्म के जरिए जनता को पूरी सच्चाई दिखाने का प्रयास किया जा रहा था। लेकिन हाईकोर्ट के फैसले ने उस रास्ते को भी बंद कर दिया है।