मुंबईः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने शुक्रवार को विधानसभा में जानकारी दी कि मुंबई में 1608 अवैध लाउडस्पीकर हटाए गए हैं। इनमेंसे 1049 मस्जिदों, 48 मंदिरों, 10 चर्चों, 8 गुरुद्वारोंऔर 147 अन्यस्थानोंपरलगेलाउडस्पीकरशामिलहैं। राज्यभरमेंकुल 3367 लाउडस्पीकरहटानेकी कार्रवाई की गई है।
फड़नवीस ने कहा कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत शांतिपूर्ण ढंग से की गई, जिसमें किसी प्रकार का विवाद या एफआईआर दर्ज नहीं हुआ। उन्होंने मुंबई पुलिस और प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि "यह कार्य बिना किसी टकराव और धार्मिक तनाव के सफलतापूर्वक किया गया, जो एक मिसाल है।"
मुख्यमंत्री ने बताया कि अवैध लाउडस्पीकरों पर नियंत्रण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाई गई है और यह आगे भी लागू रहेगी। सुप्रीम कोर्ट में इस कार्रवाई को लेकर जमा की गई समिति की रिपोर्ट पर भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
जबरन धर्मांतरण पर कानून लाने की घोषणा
विधानसभा में एक अन्य अहम मुद्दे पर बोलते हुए फड़नवीस ने जबरन या लालच देकर धर्मांतरण के बढ़ते मामलों पर कड़ा कानून लाने का भरोसा दिलाया। यह मुद्दा भाजपा विधायक गोपीचंदपडलकर ने उठाया था, जिन्होंने धर्मांतरण की घटनाओं पर चिंता जताते हुए सख्त कानूनी हस्तक्षेप की मांग की।
फड़नवीस ने कहा, “हमने इस विषय पर गंभीरता से विचार किया है। पुलिस महानिदेशक (DGP) की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट मिल चुकी है और इसके आधार पर जल्द ही विधायी कदम उठाए जाएंगे।” उन्होंने स्पष्ट किया कि धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए, जबरदस्ती और लालच के जरिए किए गए धर्मांतरण पर प्रभावी रोक लगाने की दिशा में सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सामाजिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था पर फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रस्तावित कानून धर्मांतरण के दुरुपयोग को रोकने और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए एक अहम कदम होगा। उनके मुताबिक, धर्म और आस्था की स्वतंत्रता का संरक्षण जरूरी है, लेकिन उसके नाम पर धोखे या दबाव से किए गए धर्मांतरण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
फड़नवीस के बयानों से स्पष्ट है कि महाराष्ट्र सरकार धार्मिक संतुलन, कानून-व्यवस्था, और सामाजिक न्याय के सवालों पर सक्रिय रुख अपना रही है। अवैध लाउडस्पीकरों पर कार्रवाई और जबरन धर्मांतरण पर कानून लाने की पहल आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति और सामाजिक बहस में केंद्रीय मुद्दा बन सकती है।
(यह खबर समाचार एजेंसी आईएएनएसइनपुट के साथ)