भीषण गर्मी सहने के बाद लोगों को मानसून का बेसब्री से इंतजार रहता है। मानसून की बारिश ना सिर्फ गर्मी से राहत प्रदान करती हैं, बल्कि यह उद्योग और फसलों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण साबित होती हैं। जून से सितंबर तक, दक्षिण-पश्चिम मानसून धरती को सींचता है, जो आपकी थाली से लेकर राष्ट्रीय जीडीपी तक सब कुछ प्रभावित करता है। ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण हो जाता है कि आखिर मानसून कब और कैसे आता है और यह कितने प्रकार का होता है। और यह उद्योगों को कैसे प्रभावित करता है?
मानसून होता क्या है?
मानसून हवाओं की दिशा में होने वाला एक मौसमी परिवर्तन है। ये हवाएं किसी क्षेत्र की सबसे तेज चलने वाली हवाएं होती हैं। जो अधिकांश उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में गीले और सूखे मौसम का कारण बनते हैं। मानसून को अक्सर हिंद महासागर से जोड़ा जाता है। यह हमेशा ठंडे क्षेत्रों से गर्म क्षेत्रों की ओर चलते हैं।
मानसून के प्रकार
भारत में मानसून के विभिन्न प्रकारों की वैश्विक वर्गीकरण नहीं है। लेकिन क्षेत्रीय भिन्नताएं हैं। भारत में मुख्य रूप से दो मानसून होते हैं- ग्रीष्मकालीन मानसून और शीतकालीन मानसून। इन्हें दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून-सितंबर) और उत्तर-पूर्व मानसून (नवंबर-दिसंबर) के नाम से भी जाना जाता है।
ग्रीष्मकालीन मानसून
गर्मियों का मानसून भारी वर्षा से जुड़ा हुआ है। यह आमतौर पर मई और सितंबर के बीच होता है। जैसे ही सर्दी खत्म होती है, दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर से गर्म, नम हवा भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे देशों की ओर बहती है। गर्मियों का मानसून इन क्षेत्रों में आर्द्र जलवायु और मूसलाधार वर्षा लाता है।
भारत और दक्षिण पूर्व एशिया ग्रीमष्मकालीन मानसून पर निर्भर हैं। कृषि वार्षिक वर्षा पर निर्भर करती है। इन देशों के कई इलाकों में झीलों, नदियों या बर्फ पिघलने वाले क्षेत्रों के आसपास बड़ी सिंचाई प्रणाली नहीं है। वहीं भूमिगत जल की आपूर्ति छिछली होती है। ऐसे में ग्रीष्मकालीन मानसून जीवनदायिनी साबित होता है। चावल और चाय कुछ ऐसी फसलें हैं जो गर्मियों के मानसून पर निर्भर करती हैं। डेयरी फार्म, गायों को स्वस्थ और अच्छे चारे के लिए भी मानसून की बारिश महत्वपूर्ण होती है।
अर्थव्यस्था के लिए महत्वपूर्ण है ग्रीष्मकालीन मानसून
मानसून भारत और दक्षिण पूर्व एशिया की अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। जलविद्युत संयंत्र मानसून के पानी से बिजली बनाते हैं, जो विकास में सहायक है। कमजोर मानसून से फसलें कम होती हैं और भोजन आयात करना पड़ता है। बिजली महंगी हो जाती है। वहीं तेज मानसून भी नुकसान पहुँचाते हैं। भीषण बारिश से कई इलाके डूब जाते हैं जिससे राज्य के कोष पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लोगों के रोजगार, उद्योग ठप से हो जाते हैं। निचले ग्रामीण इलाकों पानी भर जाते हैं जिससे फसलें नष्ट हो सकती हैं। 2005 में, मानसून ने पश्चिमी भारत को तबाह कर दिया था। 1000 से अधिक लोग मारे गए और मुंबई में एक मीटर से ज्यादा बारिश हुई थी।
शीतकालीन मानसून
हिंद महासागर का शीतकालीन मानसून, जो अक्टूबर से अप्रैल तक रहता है, ग्रीष्मकालीन मानसून की तुलना में काफी कमजोर होता है। इस मानसून में कम बारिश होती है। शुष्क शीतकालीन मानसून उत्तर-पूर्व से बहता है। हिमालय पर्वत मानसून की अधिकांश हवा और नमी को तट तक पहुँचने से रोकते हैं। हिमालय दक्षिण भारत और श्रीलंका जैसे स्थानों तक पहुँचने वाली ठंडी हवा को भी रोकता है, जिससे वे पूरे साल गर्म रहते हैं। शीतकालीन मानसून कभी-कभी सूखे से जुड़े होते हैं। हालाँकि, सभी शीतकालीन मानसून शुष्क नहीं होते हैं। दक्षिण-पूर्व एशिया के पश्चिमी भाग के विपरीत, दक्षिण-पूर्व एशिया के पूर्वी, प्रशांत तट पर सर्दियों में बारिश का मौसम होता है। शीतकालीन मानसून दक्षिण चीन सागर से इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे क्षेत्रों में नम हवा लाता है।
अन्य मानसून
भारतीय महासागर सहित एशिया-ऑस्ट्रेलियाई मानसून उत्तरी ऑस्ट्रेलिया से रूस के प्रशांत तट तक फैला हुआ है। यह विशाल मानसून पवन प्रणाली फिर हिंद महासागर में फैलती है। अंत में यह अफ्रीका के भारतीय तट पर समाप्त हो जाती है। दुनिया के अन्य भागों में भी मानसूनी हवाएँ चलती हैं। उत्तर अमेरिकी मानसून वर्ष में एक बार आता है, आमतौर पर गर्मियों के मध्य में। कैलिफोर्निया की खाड़ी से गर्म, नम हवाएँ उत्तर-पूर्व की ओर चलती हैं, जबकि मैक्सिको की खाड़ी से गर्म, नम हवाएँ उत्तर-पश्चिम की ओर चलती हैं। ये दोनों हवाएँ मध्य मेक्सिको में सिएरा माद्रे ओक्सिडेंटल पहाड़ों के ऊपर मिलती हैं। यह मानसून पहाड़ी पारिस्थितिकी तंत्र में नमी लाता है और फिर उत्तर की ओर अमेरिका के एरिजोना, न्यू मैक्सिको और टेक्सास राज्यों तक जाता है।
उत्तरी अमेरिकी मानसून अग्निशामकों के लिए एक प्राकृतिक सहायता हो सकता है। एरिजोना में गर्मियों का तापमान नियमित रूप से 100 डिग्री फोरेनहाइट से अधिक हो जाता है, जिससे जंगल की आग को रोकना मुश्किल हो जाता है। उत्तरी अमेरिकी मानसून क्षेत्र के अधिकांश रेगिस्तानी पारिस्थितिकी तंत्रों के लिए प्राथमिक जल स्रोत भी है। हालांकि, इससे उन लोगों और व्यवसायों के दैनिक जीवन में उलझन और बाधा उत्पन्न हो सकती है जो भारी बारिश से निपटने के आदी नहीं हैं।