Authors
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डॉ. कुमारी उर्वशी
युवा आलोचक डॉ. कुमारी उर्वशी रांची स्थित रांची विमेंस कॉलेज के हिन्दी विभाग में प्राध्यापिका हैं।
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केतन यादव
केतन यादव- युवा कवि और लेखक, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी एवं भारतीय भाषा विभाग मे शोधार्थी हैं। संक्षिप्त परिचय- शिक्षा: बी. कॉम (2020) हिंदी से एम ए(2022), वर्तमान में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शोध छात्र। प्रकाशन- समालोचन, तद्भव, वागर्थ, कृतिबहुमत, जनसंदेश टाइम्स, साखी, समकालीन जनमत, समावर्तन ( युवा कवि स्तम्भ) वनमली ( युवा पीढ़ी विशेषांक), समय के साखी, हिंदुस्तान, अमर उजाला आदि पत्र पत्रिकाओं एवं वेब माध्यमों आदि पर कविताएँ प्रकाशित। इनसे [email protected] पर संपर्क किया जा सकता है।
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हरीश शिवनानी
स्वतंत्र लेखन, पत्रकारिता, करीब दो दशकों तक प्रिंट और टीवी मीडिया का अनुभव। कुछ समय साहित्य, पत्रकारिता-अध्यापन भी। राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और साहित्यिक विषयों पर लेखन, हिंदी साहित्य में पीएचडी।
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अरविंद
अरविंद जन्म- 1987, चंदौली में। वाराणसी में हिंदी प्रवक्ता। कविता, कहानी और फिल्मों में रुचि। सम्पर्क- [email protected]
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पंकज चौधरी
पंकज चौधरी का जन्म बिहार के सुपौल जिला में 16 सितम्बर, 1976 को हुआ। इनके दो कविता संग्रह ‘उस देश की कथा’ और ‘किस-किस से लड़ोगे’ प्रकाशित हैं।
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अमितेश कुमार
रंग आलोचक, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक। 'वैकल्पिक विन्यास' शीर्षक से एक किताब प्रकाशित।
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बसंत त्रिपाठी
जन्म- 25 मार्च, 1972, भिलाई नगर (छत्तीसगढ़) प्रकाशित कृतियाँ - ‘मौजूदा हालात को देखते हुए’, ‘सहसा कुछ नहीं होता’, ‘उत्सव की समाप्ति के बाद’, ‘नागरिक समाज’, ‘घड़ी दो घड़ी’ (कविता-संग्रह); ‘शब्द’ (कहानी-संग्रह); ‘प्रसंगवश’ (आलोचना)। ‘राष्ट्रभाषा का सवाल’, ‘डॉ। रामविलास शर्मा : जनपक्षधरता की वैचारिकी’, ‘मीरांबाई’, ‘मुक्तिबोध’ (सम्पादन)। क्रान्तिकारियों के जीवन-दर्शन पर केन्द्रित सात पुस्तिकाओं का सम्पादन।
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प्रियंका दुबे
लेखक और पत्रकार प्रियंका दुबे बीते एक दशक से सामाजिक न्याय और मानव अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर रिपोर्टिंग करती रही हैं। उनकी रिपोर्टिंग को मिले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मानों में 2019 का चमेली देवी जैन राष्ट्रीय पुरस्कार, 2015 का नाइट इंटरनैशनल जर्नलिज़म अवार्ड, 2014 का कर्ट शोर्क इंटरनैशनल अवार्ड, 2013 का रेड इंक अवार्ड, 2012 का भारतीय प्रेस परिषद का राष्ट्रीय पुरस्कार और 2011 का रामनाथ गोयनका पुरस्कार शामिल हैं। 2016 में वह लंदन की वेस्टमिनिस्टर यूनिवर्सिटी में चिवनिंग फेलो थीं। 2015 में सामाजिक मुद्दों पर उनके लेखन को इंटरनैशनल विमन मीडिया फ़ाउंडेशन का ‘होवर्ड जी बफेट ग्रांट’ घोषित किया गया था। साइमन एंड चिश्टर द्वारा 2019 में प्रकाशित ‘नो नेशन फ़ोर विमन’ उनकी पहली किताब है। इसे 2019 के ही शक्ति भट्ट फ़र्स्ट बुक प्राइज़, टाटा लिटेरेचर लाइव अवार्ड और प्रभा खेतान विमेन्स वोईसे अवार्ड के लिए शॉर्ट लिस्ट किया गया था। हिंदी में उनकी कविताएँ, गद्य और साहित्यिक लेख कई पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। इस समय पहले उपन्यास पर काम जारी है।
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लोरी
9 मई, 2003 को इलाहाबाद में जन्म। पढ़ाई लखनऊ, वर्धा और इलाहाबाद आदि शहरों में। आर्य कन्या डिग्री कॉलेज, इलाहाबाद से बी.ए.। तद्भव में एक समीक्षा प्रकाशित।
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कृष्ण समिद्ध
कृष्ण समिद्ध 2004 से नाटक लेखन, आलोचना, कविता और फ़िल्म निर्देशन के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उनके निर्देशन एवं नाट्य रूपांतरण में प्रस्तुत नाटक 'स्माल टाउन ज़िंदगी' का चयन नेशनल स्कूल ऎफ ड्रामा, भारंगम 2025 और मिनर्वा 2025 के लिए हुआ। वर्ष 2013 में उन्होंने लघु फ़िल्म 'सिटी ऑफ़ ड्रीम्स' का निर्देशन किया। वर्ष 2015 में उन्हें राष्ट्रीय फ़िल्म विकास निगम लिमिटेड (एनएफ़डीसी), मुंबई द्वारा उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया गया। उनके प्रमुख नाटकों में 'चातक', 'तन-बदन' और 'शेक्सपियर एट स्कूल' शामिल हैं। वर्तमान में पहले फिल्म के निर्माण में संलग्न।