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सन्त कुमार शर्मा
संत कुमार शर्मा। वरिष्ठ पत्रकार और लेखक। द स्टेट्समैन (दिल्ली), द टाइम्स ऑफ इंडिया (दिल्ली और जम्मू में), द इंडियन एक्सप्रेस, स्टार न्यूज, दैनिक भास्कर और नई दुनिया जैसे मीडिया संस्थानों के साथ काम। मई 2000 से जम्मू में हैं और जम्मू-कश्मीर से संबंधित मुद्दों में गहरी रुचि रखते हैं। इन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल से एक वर्ष की फलोशिप की। यह थीसिस अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए से संबंधित थी। थीसिस विश्वविद्यालय द्वारा एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित। इन्होंने कुछ अन्य पुस्तकें भी लिखी हैं। पुस्तकों में से एक जम्मू और कश्मीर में परिसीमन के विषय से संबंधित है। इसके अलावा Bloomsbury द्वारा प्रकाशित इंडस वाटर्स स्टोरी (Indus Waters Treaty) नाम की दूसरी पुस्तक सिंधु जल संधि से संबंधित है।
Pooja Makkar
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लव कुमार मिश्र
लव कुमार मिश्र,१९७३ से पत्रकारिता कर रहे हैं,टाइम्स ऑफ इंडिया के विशेष संवाददाता के रूप में देश के दस राज्यों में पदस्थापित रहे,कारगिल युद्ध के दौरान डेढ़ महीने कारगिल और द्रास में रहे,आतंकवाद के कठिन काल में कश्मीर में काम किए.
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डॉ. विकास सिंह
डॉ. विकास सिंह अर्थशास्त्री हैं। माइक्रोफाइनेंस, ग्रामीण विकास, वित्तीय समावेशन और नीतिगत विकास इत्यादि विषयों पर उनके शोध पत्र सम्मानित जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ. सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ (आईईजी), दिल्ली विश्वविद्यालय, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (आईआईपीए), नीति आयोग, गिरी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज; और तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख संस्थानों से जुड़े रहे हैं।
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अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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कविता
कविता जन्म: 15 अगस्त, मुज़फ्फरपुर (बिहार)। पिछले ढाई दशकों से कहानी की दुनिया में सतत सक्रिय कविता स्त्री जीवन के बारीक रेशों से बुनी स्वप्न और प्रतिरोध की सकारात्मक कहानियों के लिए जानी जाती हैं। नौ कहानी-संग्रह - 'मेरी नाप के कपड़े', 'उलटबांसी', 'नदी जो अब भी बहती है', 'आवाज़ों वाली गली', ‘क से कहानी घ से घर’, ‘उस गोलार्द्ध से’, 'गौरतलब कहानियाँ', 'मैं और मेरी कहानियाँ' तथा ‘माई री’ और दो उपन्यास 'मेरा पता कोई और है' तथा 'ये दिये रात की ज़रूरत थे' प्रकाशित। 'मैं हंस नहीं पढ़ता', 'वह सुबह कभी तो आयेगी' (लेख), 'जवाब दो विक्रमादित्य' (साक्षात्कार) तथा 'अब वे वहां नहीं रहते' (राजेन्द्र यादव का मोहन राकेश, कमलेश्वर और नामवर सिंह के साथ पत्र-व्यवहार) का संपादन। रचनात्मक लेखन के साथ स्त्री विषयक लेख, कथा-समीक्षा, रंग-समीक्षा आदि का निरंतर लेखन। बिहार सरकार द्वारा युवा लेखन पुरस्कार, अमृत लाल नागर कहानी पुरस्कार, स्पंदन कृति सम्मान और बिहार राजभाषा परिषद द्वारा विद्यापति सम्मान से सम्मानित। कुछ कहानियां अंग्रेज़ी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में अनूदित।
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प्रियदर्शन
पत्रकार एवं लेखक। दो दर्जन से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित। सम्प्रति: एनडीटीवी में वरिष्ठ पद पर कार्यरत।