नई दिल्लीः राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने मंगलवार सुबह पीएम मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच है। 

बीते 48 घंटों में पीएम मोदी की एनएसए से यह दूसरी मुलाकात है। यह मुलाकात सात मई को देशभर में होने वाले सुरक्षा मॉक ड्रिल के एक दिन पहले हुई है। यह मॉक ड्रिल 1971 में पाकिस्तान के विरुद्ध हुए युद्ध के बाद पहली बार हो रही है। 

कर चुके हैं उच्च स्तरीय बैठकें

इससे पहले पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस अनिल चौहान और तीनों सेना प्रमुखों के साथ कई उच्च स्तरीय बैठकें की हैं। 

बीते हफ्ते भी पीएम मोदी ने डोभाल और सीडीएस जनरल अनिल चौहान के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने भारतीय सैन्य बलों को भारत की सैन्य प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने की पूरी स्वतंत्रता दी थी। 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। साल 2019 में पुलवामा हमले के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा हमला था। पुलवामा हमले में 40 सैनिक मारे गए थे। 

पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फोर्स नामक आतंकी संगठन ने ली जो लश्कर-ए-तैयबा का एक अंग माना जाता है। 

इस मामले में भारत ने यह कहा है कि उसके पास पुख्ता सबूत हैं कि इस हमले में पाकिस्तान का हाथ है। हालांकि, पाकिस्तान ने इसे अस्वीकार किया है। पाकिस्तान ने इस मामले में स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय जांच की भी मांग की है।

संयुक्त राष्ट्र में हुई चर्चा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी इस विषय को लेकर कल चर्चा हुई। इस बैठक में भी पाकिस्तान ने समर्थन जुटाने की कोशिश की। इस बैठक से कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई। पाकिस्तान ने इस बैठक में भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान देने के आरोप लगाए।  

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, संयु्क्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान को समर्थन देने में अनिच्छा दिखाई। इस बैठक में पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा की संलिप्तता के बारे में सवाल पूछे गए। इसके साथ ही इस बैठक में पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाए जाने को लेकर भी पाकिस्तान से सवाल पूछे गए। 

पहलगाम हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध कई कूटनीतिक कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल संधि को रद्द करना शामिल है। इसके साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए कहा गया था। पाकिस्तान से आयात होने वाले सभी सामानों पर भारत ने पूर्णतः प्रतिबंध का ऐलान किया है और पाकिस्तान से आने वाले डाक व पार्सल पर भी रोक का ऐलान किया है। 

पाकिस्तान ने भी प्रतिक्रिया देते हुए शिमला समझौते से निकल जाने की बात की थी। इसके अलावा भारतीय हवाई जहाजों के पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में जाने पर भी रोक लगाई थी।