नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में 15 से 20 कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि इन्होंने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास और अन्य परिसरों पर सोमवार को तलाशी ले रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों की कार को रोका और उसकी खिड़की तोड़ दी। 

ईडी ने भिलाई में बघेल और उनके बेटे चैतन्य के आवास सहित 14 स्थानों पर छापेमारी की थी। ये कार्रवाई बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए कथित शराब घोटाले से जुड़ी है। 

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार छापेमारी सुबह शुरू हुई थी। खबर फैलते ही राज्य कांग्रेस के नेता, विधायक और कार्यकर्ता बघेल के आवास के बाहर इकट्ठा होने लगे थे। इस दौरान भाजपा और ईडी के खिलाफ नारे लगाए गए। बताया जा रहा है कि ईडी अधिकारियों की गाड़ी को नुकसान पहुंचाने की यह घटना सोमवार शाम करीब 4.30 बजे हुई, जब य़ह तलाशी के बाद पूर्व सीएम के घर से बाहर निकल रही थी।

एफआईआर के अनुसार, 15 से 20 प्रदर्शनकारियों ने जबरदस्ती वाहन को रोक लिया और उस पर हाथ मारना शुरू कर दिया। कुछ लोग कथित तौर पर गाड़ी के बोनट पर भी चढ़ गए।

ड्राइवर ने दर्ज कराई एफआईआर

किराए पर ली गई गाड़ी के चालक की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है, 'किसी तरह पुलिस बल की मदद से गाड़ी को धीरे-धीरे बाहर निकाला गया। इस दौरान एक व्यक्ति ने पत्थर फेंककर गाड़ी के ड्राइवर साइड के शीशे को क्षतिग्रस्त कर दिया। बाद में अन्य लोगों से जानकारी मिली कि पत्थर फेंककर शीशा तोड़ने वाले का नाम सनी अग्रवाल है। इस घटना से मैं काफी डरा हुआ हूं। कार्रवाई होनी चाहिए।' 

शिकायत के आधार पर बीएनएस की धारा 191(2) (दंगा), 190 (अवैध रूप से एकत्र होना), 221 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकना), 132 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और 126(2) (गलत तरीके से रोकना) के साथ ही सार्वजनिक संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम की धारा 3 (सार्वजनिक संपत्ति को विकृत करने के लिए दंड) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

एफआईआर में केवल एक व्यक्ति सनी और 15-20 अज्ञात प्रदर्शनकारियों का जिक्र है। यह एफआईआर सोमवार देर रात दर्ज की गई।