हिंदी की सुप्रसिद्ध वरिष्ठ लेखिका ममता कालिया का जन्म 2 नवम्बर 1940 को हुआ था। अपनी कहानियों, उपन्यासों, निबंधों और नाटकों के कारण उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उनका लेखन आधुनिक समाज, स्त्री सरोकार, परिवार और युवाओं के मनोविज्ञान पर केंद्रित है। उनकी रचनाओं में स्त्री जीवन की पीड़ा, संघर्ष और आत्मनिर्भरता का सजीव चित्रण होता है। उनकी प्रमुख कृतियों में ‘बेघर’, ‘दुखों का उत्सव’, ‘कल्चर वल्चर’ और ‘नरक दर नरक’ जैसे उपन्यास शामिल हैं। उनकी रचनाओं में एक सहज, सजीव और बोलचाल की भाषा का प्रयोग होता है, जिससे पाठक उनके पात्रों से गहरे से जुड़ जाते हैं। ममता कालिया साहित्य जगत में एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व हैं।