Wednesday, November 5, 2025
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ट्रंप विरोधी जोहरान ममदानी बने न्यूयॉर्क के मेयर, पद हासिल करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी मुस्लिम

जोहरान ममदानी भारतीय फिल्म निर्माता मीरा नायर के बेटे हैं। उनकी छवि एक धुर वामपंथी शख्स के तौर पर रही है। न्यूयॉर्क में पिछले 100 साल से भी ज्यादा समय के इतिहास में वे शहर के सबसे युवा मेयर होंगे।

न्यूयॉर्क: डेमोक्रेट नेता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विरोधी जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क शहर के नए मेयर चुन लिए गए हैं। उन्होंने मंगलवार को हुए चुनाव में पूर्व गवर्नर और निर्दलीय उम्मीदवार एंड्रयू कुओमो और रिपब्लिकन कर्टिस स्लीवा को हराया। भारतीय मूल के ममदानी अब एरिक एडम्स का स्थान लेंगे। एडम्स ने सितंबर में खुद को फिर से मेयर की रेस से अलग कर लिया था।

इसके बाद से कुछ महीने पहले से ममदानी की वजह से यह चुनाव लगातार चर्चा में बना हुआ था। ट्रंप की ओर से मोमदानी की तीखी आलोचना ने चुनाव को और खास बना दिया था।

34 वर्षीय ममदानी खुद को डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट बताते हैं पिछले 100 साल से से भी ज्यादा समय के इतिहास में शहर के सबसे युवा मेयर होंगे। इस साल की शुरुआत में डेमोक्रेटिक प्राइमरी में 12 अंकों से जीत हासिल करने के बाद, वे सबसे आगे चल रहे थे। अपनी जीत के तुरंत बाद, ममदानी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक वीडियो भी पोस्ट किया।

महंगाई और आम लोगों के मुद्दे ने दिलाई ममदानी को जीत

ममदानी ने मेयर के चुनाव के दौरान शहर की समस्याओं, महंगाई और आम लोगों के मुद्दे को जोर शोर से उठाया। उन्होंने चुनावी वादे में कहा था कि मेयर के रूप में वह तत्काल किरायेदारों के लिए किराया स्थिर करेंगे और न्युयॉर्क के लोगों की जरूरत के अनुसार आवास बनाने और किराया कम करने के लिए हर उपलब्ध संसाधन का उपयोग करेंगे।

उन्होंने अपने प्रचार अभियान में तेज, किराया-मुक्त बसों का वादा भी किया। उन्होंने कहा कि मेयर के रूप में, वह हर सिटी बस में किराया स्थायी रूप से खत्म कर देंगे, और अलग लेन का निर्माण करके उन्हें तेज बना देंगे। ममदानी ने 6 सप्ताह से 5 वर्ष की आयु के प्रत्येक न्यू यॉर्कर के लिए मुफ्त चाइल्डकेअर भी लागू करने की बात कही है।

खाद्य पदार्थों की कीमतें नियंत्रण से बाहर होने की स्थिति को देखते हुए उन्होंने यह भी वादा किया था कि मेयर के रूप में, वे शहर के स्वामित्व वाली किराना दुकानों का एक नेटवर्क बनाएंगे, जिनका ध्यान कीमतें कम रखने पर होगा, न कि लाभ कमाने पर।

जोहरान ममदानी कौन हैं?

33 साल के ममदानी युगांडा में जन्मे हैं। वे भारतीय फिल्म निर्माता मीरा नायर के बेटे हैं। उनकी छवि एक धुर वामपंथी शख्स के तौर पर है। कई लोग उन्हें ‘विभाजनकारी शख्सियत’ भी बताते हैं। ममदानी को पीएम नरेंद्र मोदी का भी आलोचक बताया जाता है।

ममदानी का जन्म युगांडा के कंपाला में हुआ था। मां मीरा नायर मशहूर फिल्म निर्माता हैं। पिता महमूद ममदानी कोलंबिया यूनिवर्सिटी में मानवविज्ञान के प्रोफेसर हैं। ममदानी साल 1998 में न्यूयॉर्क आए थे। उस समय उनकी उम्र 7 साल थी। बाद में उन्हें अमेरिकी की नागरिकता भी मिल गई। उनका रैप गानों से भी कनेक्शन है। उन्होंने कुछ गाने बनाए हैं और फिर राजनीति की ओर मुड़े।

ममदानी गाजा पर इजराइल की कार्रवाई के घोर विरोधी भी रहे हैं। वे आरोप लगाते रहे हैं कि इजराइल ने नरसंहार किया है। ममदानी इजराइल के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को रोकने को लिए चल रहे बॉयकॉट, डिवेस्टमेंट एंड सैंग्सन (बीडीएस) मूवमेंट का समर्थन करते हैं और यह कदम रिपब्लिकन और कुछ डेमोक्रेट समर्थकों के लिए भी असहज करने वाला रहा है। इसके अलावा ममदानी LGBTQ अधिकारों के भी कट्टर समर्थक हैं, जिसकी वजह से वे ट्रंप और रिपब्लिकन के खिलाफ खड़ा करता है।

ममदानी के साथ जुड़ी है ‘एंटी हिंदू’ वाली भी छवि

ममदानी लंबे समय से खुद को एक प्रगतिशील आवाज बताते रहे हैं, लेकिन आलोचकों का कहना है कि उनके बयान असहमति से लेकर दुष्प्रचार और कट्टरता की सीमा को पार कर जाते हैं। ममदानी की एक छवि एंटी हिंदू की भी बताई जाती है। इससे जुड़े सबसे विवादास्पद प्रकरणों में से एक अगस्त 2020 में टाइम्स स्क्वायर में हुए विरोध प्रदर्शन से जुड़ा है।

तब जोहरान ममदानी टाइम्स स्क्वायर में राम मंदिर समारोह का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों में शामिल हुए थे। प्रत्यक्षदर्शियों और सोशल मीडिया कवरेज के अनुसार प्रदर्शनकारियों को ‘हिंदू कौन हैं? हरामी!’ जैसे नारे लगाते हुए देखा गया। इसके अलावा भगवान राम के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए सुना गया। सोशल मीडिया पर इसके वीडियो भी खूब वायरल हुए थे। ममदानी उस समय भीड़ के साथ खड़े थे, जब नफरती नारे लगाए जा रहे थे लेकिन उन्होंने सार्वजनिक रूप से इसकी निंदा नहीं की।

इसके अलावा उनके कुछ ट्वीट भी हैं जो कई लिहाज से विवादास्पद रहे हैं। इसी में एक ट्वीट 7 मई 2020 का रहा था। इसमें उन्होंने कहा था, ‘मेरे परिवार को युगांडा से निकाल दिया गया क्योंकि वे भारतीय थे। आज, भारत में मेरे भाइयों और बहनों को इसलिए सताया जा रहा है क्योंकि वे मुस्लिम हैं।’

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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