Thursday, November 13, 2025
Homeविश्वकनाडा में अस्थायी वीजा को बड़े पैमाने पर रद्द करने की तैयारी,...

कनाडा में अस्थायी वीजा को बड़े पैमाने पर रद्द करने की तैयारी, भारतीयों के लिए बढ़ेगी मुश्किल?

ओटावा: कनाडा में अस्थायी वीजा को बड़े कभी भी रदद् करने की शक्तियों की मांग वाला एक विधेयक यहां की संसद में पेश किया गया है। सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार भारत और बांग्लादेश से आने वाले वीजा आवेदनों में कथित तौर पर बढ़ते धोखाधड़ी के संदेह को देखते हुए ये कदम उठाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रावधान को वैध बनाने के लिए एक विधेयक कनाडा की संसद में पेश किया गया है और प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की सरकार इसे जल्द पारित कराना चाहती है।

कनाडा की सीबीसी न्यूज ने सरकार से जुड़े आंतरिक दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया कि कनाडाई अधिकारियों ने भारत और बांग्लादेश से आने वाले फर्जी वीजा आवेदनों की पहचान करने और उन्हें सामूहिक रूप से रद्द करने के लिए अमेरिकी संस्थाओं के साथ भी साझेदारी की है।

यह रिपोर्ट ओटावा द्वारा अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के बीच आई है, जिसका खास तौर पर भारत के स्टूडेंट पर बुरा असर पड़ा है। अगस्त में कनाडा ने वहां पढ़ने जाने के लिए भारतीय छात्रों की ओर से दिए गए वीजा आवेदनों में लगभग 74 प्रतिशत को अस्वीकार कर दिया था। इसका मतलब हुआ कि लगभग हर चार वीजा आवेदन में से तीन को रिजेक्ट किया गया।

अब कनाडा के आव्रजन मंत्री के कार्यालय में एक विभागीय प्रेजेंटेशन का हवाला देते हुए सीबीसी ने बताया कि कनाडा के इमिग्रेशन रिफ्यूजी एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC), कनाडा बॉर्डर सर्विस एजेंसी (CBSA) और इनके अमेरिकी सहयोगियों ने अधिकारियों को वीजा देने से इनकार करने और रद्द करने का अधिकार देने के लिए एक कार्य समूह का गठन किया है। इसमें भारत और बांग्लादेश को विशेष रूप से चिन्हित किया गया है, जिनके वीजा को लेकर कड़े फैसले लेने की बात कही गई है।

बिल के खिलाफ कनाडा में प्रदर्शन

दस्तावेज में कथित तौर पर कहा गया है कि सामूहिक वीजा रद्द करने की शक्तियों का इस्तेमाल महामारी, युद्ध जैसे हालात या किसी देश विशेष की चुनौती को देखते हुए किया जा सकता है। कनाडा की आव्रजन मंत्री लीना डियाब ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि सरकार महामारी या युद्ध की स्थिति में ऐसे अधिकारों का इस्तेमाल करने की मांग कर रही है, लेकिन उन्होंने किसी देश-विशेष वीजा धारकों के खिलाफ इसके इस्तेमाल का कोई जिक्र नहीं किया है।

कनाडा में कथित तौर पर 300 से ज्यादा सिविल सोसायटी ग्रुपों ने इस प्रस्तावित कानून पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि सामूहिक आवेदन रद्द करने से सरकार को ‘सामूहिक निर्वासन मशीन’ स्थापित करने का मौका मिल जाएगा। आव्रजन वकीलों के हवाले से सीबीसी ने यह भी बताया कि सरकार अपने बढ़ते आवेदनों के बोझ को कम करने के लिए सामूहिक आवेदन रद्द करने की शक्ति की मांग कर रही है।

भारत क्यों निशाने पर है?

कनाडाई सरकार के आंतरिक दस्तावेजों में कथित तौर पर इस बात का जिक्र है कि भारतीय नागरिकों द्वारा शरण के दावे जुलाई 2024 तक लगभग 2,000 हो गए हैं। जबकि मई 2023 में ये प्रति माह 500 से भी कम थे। इसमें दावा किया गया है कि भारत से अस्थायी निवास के लिए वीजा आवेदनों के सत्यापन करने से आवेदन प्रक्रिया धीमी हो जाती है।

इसमें कहा गया है कि वीजा का प्रोसेसिंग समय कथित तौर पर जुलाई 2023 के अंत में औसतन 30 दिनों से बढ़कर एक साल बाद 54 दिन हो गया है। इसके कारण 2024 में वीजा के मंजूरियों में भी गिरावट शुरू हो गई। जनवरी में जो संख्या 63,000 से अधिक थी, वो जून में गिरकर लगभग 48,000 तक पहुंच गई क्योंकि वेरिफिकेशन में अधिक संसाधन जुटे रहे।

वैसे बता दें कि पिछले एक दशक में कनाडा के लिए भारत अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए सबसे बड़ा शीर्ष स्रोत रहा है।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

प्रताप दीक्षित on कहानीः प्रायिकता का नियम
डॉ उर्वशी on कहानीः इरेज़र
मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा