अमेरिकी हमले पर चीन, पाकिस्तान और सऊदी अरब ने क्या प्रतिक्रिया दी? Photograph: (IANS)
तेहरानः ईरान-इजराइल तनाव के बीच अब अमेरिका की भी एंट्री हो गई है। अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर रविवार सुबह हमला कर दिया। इन ठिकानों में फोर्दो, नतांज और इस्फहान शामिल हैं। वहीं, अमेरिका द्वारा ईरान पर की गई कार्रवाई के बाद दुनियाभर के देशों की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। अमेरिका की कार्रवाई के बाद कई देशों ने संयम बरतने का आह्वान किया है तो वहीं कुछ ने व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष बढ़ने की चेतावनी भी दी है।
अमेरिका की कार्रवाई के बाद जहां चीन, पाकिस्तान और संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले की निंदा की है तो वहीं इजराइल ने अमेरिका के साथ की सराहना की है।
ईरान और इजराइल के बीच 13 जून से जारी तनाव के बीच पहली बार अमेरिका सैन्य रूप से शामिल हुआ है। अमेरिका द्वारा यह हमला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के बाद आया है जब उन्होंने कहा था कि अमेरिका को ईरान पर हमला करना है या नहीं, यह निर्णय लेने में उन्हें दो सप्ताह लगेगा।
चीन,पाकिस्तान और अन्य देशों ने क्या कहा?
चीन ने अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए हवाई हमलों की निंदा करते हुए कहा है कि यह वाशिंगटन की पुरानी की गई रणनीतिक गलतियों को दोहरा रहा है। CGTN की एक फ्लैश कमेंट्री में अमेरिकी कार्रवाई को एक खतरनाक मोड़ बताया गया।
इसमें आगे कहा गया कि सैन्य टकराव की तुलना में बातचीत को प्राथमिकता देने और कूटनीतिक दृष्टिकोण मध्य पूर्व में स्थिरता के लिए सर्वोच्च आशा प्रदान करता है।
वहीं, पाकिस्तान ने भी अमेरिकी हवाई हमलों की निंदा करते हुए चेतावनी दी कि इससे पश्चिमी एशिया में तनाव बढ़ सकता है। पाकिस्तान की तरफ से यह बयान इस्लामाबाद के बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने की सार्वजनिक रूप से समर्थन किया था।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वह अमेरिका द्वारा किए गए हमले से चिंतित हैं और उन्होंने चेतावनी दी कि यदि स्थिति और बिगड़ती है तो विनाशकारी परिणाम होंगे। इसके साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के देशों को तनाव कम करने को भी कहा है। उन्होंने कहा कि इसका कोई सैन्य समाधान नहीं है बल्कि आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता कूटनीति है।
सऊदी अरब ने भी कहा है कि वह ईरान में हो रहे घटनाक्रम से चिंतित है और नजर बनाए रखे हुए है।
फिलिस्तीनी समूह हमास ने भी अमेरिकी कार्रवाई को ईरान की संप्रभुता के खिलाफ जबरदस्त अमेरिकी आक्रमण करार दिया। इसके साथ ही अमेरिका के डेमोक्रेटिक दल के नेताओं ने भी ट्रंप की इस कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है।
नेतन्याहू और किएर स्टार्मर की क्या प्रतिक्रया आई?
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के साथ की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह मध्य पूर्व के भविष्य को नया आकार देगा।
वहीं, यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने एक्स पर लिखा कि ईरान को मेज पर बातचीत के लिए आना चाहिए। उन्होंने लिखा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। स्टार्मर ने लिखा कि ईरान को कभी भी परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती और अमेरिका ने उस खतरे को कम करने के लिए कार्रवाई की है।
अमेरिका द्वारा ईरान पर किए गए हमलों के दावे के बाद ईरान ने कहा कि उसके परमाणु ठिकानों में कोई विशेष क्षति नहीं हुई।
ईरान ने अमेरिका द्वारा किए गए हवाई हमलों की निंदा की है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इन हमलों को "घृणित" बताते हुए दूरगामी नतीजों की चेतावनी दी। अराघची ने इन हमलों को "कानूनविहीन और आपराधिक" कार्रवाई बताते हुए एक्स पर लिखा "आज सुबह की घटनाएं अपमानजनक हैं और इनके अनंत परिणाम होंगे।"
अराघची ने जोर देते हुए कहा कि ईरान के पास अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत जवाब देने का अधिकार है।
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने भी इस कार्रवाई को एक बर्बर कृत्य बताया जो अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करता है।