इस्तांबुल: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने रविवार को ईद-उल-फितर की नमाज के दौरान इजराइल के विनाश का आह्वान किया। उन्होंने कहा, 'अल्लाह जायोनिस्ट (यहूदीवाद) इजराइल को बर्बाद करें।' तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी अनादोलु की ओर से यह जानकारी दी गई है।

एर्दोगन इस्तांबुल में ग्रैंड कैमलिका मस्जिद में इस्लामी विद्वान अली एरबास के साथ मौजूद थे, जिन्होंने इस मौके पर एक धार्मिक उपदेश दिया। एर्दोगन की इजराइल को बर्बाद करने का यह बयान उस समय आया जब वे खुद इस्तांबुल के मेयर एक्रेम इमामोग्लू की गिरफ्तारी पर तुर्की में बड़े पैमाने पर विरोध झेल रहे हैं।

बहरहाल, तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी अनादोलु की रिपोर्ट के अनुसार ईद पर अपने भाषण के दौरान एर्दोगान ने कहा, 'हम सभी जानते हैं कि फिलिस्तीन में क्या हो रहा है।' एर्दोगन ने यहूदीवाद और इजराइल के सर्वनाश की बात करते हुए अल्लाह को "अल-कहर" कहकर संबोधित किया। इस्लामी मान्यता में यह अल्लाह के 99 कुरानिक नामों में से एक है। इसका मतलब होता है कि 'वह शासक जो सारी सृष्टि पर हावी है।' 

हमास और गाजा का जिक्र

हमास और और गाजा के नागरिकों का जिक्र करते हुए एर्दोगन ने 'शहीदों पर दया' और 'घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने' की कामना की। इससे पहले ईज पर एक राष्ट्रव्यापी संदेश जारी करते हुए एर्दोगन ने कहा, 'गाजा में हो रहा नरसंहार लगातार अधिक गंभीर आयाम तक पहुंच रहा है। ऐसी तस्वीरें आ रही हैं जो विवेक, नैतिकता और समझ वाले किसी भी शख्स के दिल को चीर देंगी।'

एर्दोगन ने आगे कहा, 'तुर्की के रूप में हम इस बर्बरता के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट रूप से व्यक्त करते हैं और अपनी सहायता से अपने भाइयों के घावों को भरने का प्रयास करते हैं। हालाँकि, जब तक दुनिया विशेष रूप से पश्चिमी देश, इस उत्पीड़न के खिलाफ वास्तविक कार्रवाई नहीं करते, तब तक उत्पीड़न करने वालों का साहस और दुस्साहस बढ़ता रहेगा और पीड़ितों की चीखें आसमान तक पहुँचेंगी। उम्मीद है कि आने वाला समय पूरी दुनिया में इस संबंध में जागरूकता का कारण बनेगा।'

इजराइल ने की एर्दोगन के बयान की आलोचना

इस बीच इजराइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन की आलोचना करते हुए उन्हें 'यहूदी विरोधी' और 'क्षेत्र और अपने लोगों के लिए खतरा' बताया। उन्होंने इस्तांबुल के मेयर एक्रेम इमामोग्लू की हिरासत पर हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों का भी हवाला दिया। 

इजराइली विदेश मंत्री ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नाटो के सदस्य जल्द समझेंगे कि वह कितने खतरनाक हैं और इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।

तुर्की में क्यों बढ़ी हैं एर्दोगन की मुश्किलें?

तुर्की में खुद राष्ट्रपति एर्दोगन मुश्किलों में फंसे नजर आ रहे हैं। एर्दोगन के मुखर आलोचक इस्तांबुल के मेयर एक्रेम इमामोग्लू को पिछले महीने हिरासत में लिए जाने के बाद वहां राष्ट्रपति के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होते नजर आए हैं। इमामोग्लू पर रिश्वत लेने, भ्रष्टाचार करने, धोखाधड़ी, निजी डेटा चुराने और निविदाओं में गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

हालांकि, कई जानकार और आम लोग भी इसे राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं।
54 साल के इमामोग्लू को इस समय तुर्की में एर्दोगन का मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। मुख्य विपक्षी दल रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (सीएचपी) के सदस्य इमामोग्लू अक्सर सत्तारूढ़ सरकार की आलोचना करते नजर आए हैं। सीएचपी की स्थापना आधुनिक तुर्की गणराज्य के पहले राष्ट्रपति और संस्थापक मुस्तफा कमाल अतातुर्क ने की थी।

लगभग ठीक एक साल पहले, सीएचपी ने स्थानीय चुनावों में महत्वपूर्ण जीत दर्ज की थी। इसमें तुर्की के 81 प्रांतों में से 36 की नगरपालिकाएँ पार्टी ने जीतीं। पार्टी के उम्मीदवारों ने देश के पाँच सबसे बड़े शहरों (इस्तांबुल, अंकारा, इजमिर, बर्सा और अंताल्या) में मेयर पद पर भी जीत दर्ज की। इन चुनावों को एर्दोगन के कामकाज पर हालिया जनमत संग्रह के रूप में भी देखा जा रहा है क्योंकि चुनाव के अभियान के दौरान वे भी बेहद सक्रिय रहे थे।

एर्दोगन ने 20 से अधिक वर्षों तक तुर्की पर शासन किया है। उनके आलोचक एर्दोगन पर धर्मनिरपेक्ष गणराज्य के रूप में स्थापित देश के इस्लामीकरण के साथ-साथ सत्ता पर पूरी तरह से अपना वर्चस्व बनाए रखने की ओर बढ़ने का आरोप लगाते हैं। कुछ वैश्विक टिप्पणीकारों ने प्रतिबंधित मीडिया, विपक्षी नेताओं की कैद और कुछ अन्य प्रतिबंधों के कारण चुनावों को 'स्वतंत्र, लेकिन निष्पक्ष नहीं' करार दिया था। यही वजह है कि अब इमामोग्लू की गिरफ्तारी को एक बड़ी घटना के तौर पर देखा जा रहा है।

राष्ट्रपति एर्दोगन अपने ऊपर लगते रहे आरोपों को खारिज करते रहे हैं। उन्हें ग्रामीण, मध्यम वर्ग के मुसलमानों से बड़ा समर्थन भी मिलना जारी है। हालांकि इन सबके बीच तुर्की की अर्थव्यवस्था के गहराते संकट के कारण हाल के वर्षों में उनकी लोकप्रियता में कुछ कमी आई है।

इन सबके बीच इमामोग्लू एक लोकप्रिय नेता के रूप में देश में उभरे हैं। उन्हें कुर्द जातीय समुदाय और धर्मनिरपेक्ष मतदाताओं का बड़ा समर्थन प्राप्त हो रहा है। उन्हें 2019 में इस्तांबुल का मेयर चुना गया। इससे एर्दोगन की जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी (AKP) का 25 साल का नियंत्रण यहां समाप्त हो गया।