इस्तांबुल: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के मुखर आलोचक इस्तांबुल के मेयर एक्रेम इमामोग्लू की हिरासत के विरोध में शुक्रवार (21 मार्च) और सप्ताहांत में तुर्की के प्रमुख शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतरे। इस बीच
रविवार को देश की एक अदालत ने मेयर इमामोग्लू को जेल में डाल दिया और औपचारिक रूप से उन पर आरोप लगाए। उन्हें बुधवार से हिरासत में रखा गया था।
तुर्की की समाचार एजेंसी अनादोलु के अनुसार इमामोग्लू पर रिश्वत लेने, भ्रष्टाचार करने, धोखाधड़ी, निजी डेटा चुराने और निविदाओं में गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोप हैं।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि रविवार को आया अदालत का आदेश तुर्की में एर्दोगन की सरकार के खिलाफ पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय में देश में सबसे बड़े विरोध प्रदर्शनों का रूप ले सकता है।
Erdogan: "You can't go out and protest in Turkey anymore against me! I forbid it! I forbid it you hear me! You'll be all arrested!"
— Dispropaganda (@Dispropoganda) March 22, 2025
Turks: pic.twitter.com/Gp86lgcMfg
इस बात का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध के बावजूद शनिवार को इस्तांबुल नगरपालिका भवन और मुख्य न्यायालय के बाहर हजारों लोग एकत्र हुए। पुलिस ने कम से कम 323 लोगों को हिरासत में लिया है। आखिर क्या है पूरी कहानी...इसे समझते हैं।
एक्रेम इमामोग्लू कौन हैं?
54 साल के इमामोग्लू को इस समय तुर्की में एर्दोगन का मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। मुख्य विपक्षी दल रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (सीएचपी) के सदस्य इमामोग्लू अक्सर सत्तारूढ़ सरकार की आलोचना करते नजर आए हैं। सीएचपी की स्थापना आधुनिक तुर्की गणराज्य के पहले राष्ट्रपति और संस्थापक मुस्तफा कमाल अतातुर्क ने की थी।
लगभग ठीक एक साल पहले, सीएचपी ने स्थानीय चुनावों में महत्वपूर्ण जीत दर्ज की थी। इसमें तुर्की के 81 प्रांतों में से 36 की नगरपालिकाएँ पार्टी ने जीतीं। पार्टी के उम्मीदवारों ने देश के पाँच सबसे बड़े शहरों (इस्तांबुल, अंकारा, इजमिर, बर्सा और अंताल्या) में मेयर पद पर भी जीत दर्ज की। इन चुनावों को एर्दोगन के कामकाज पर हालिया जनमत संग्रह के रूप में भी देखा जा रहा है क्योंकि चुनाव के अभियान के दौरान वे भी बेहद सक्रिय रहे थे।
एर्दोगन ने 20 से अधिक वर्षों तक तुर्की पर शासन किया है। उनके आलोचक एर्दोगन पर धर्मनिरपेक्ष गणराज्य के रूप में स्थापित देश के इस्लामीकरण के साथ-साथ सत्ता पर पूरी तरह से अपना वर्चस्व बनाए रखने की ओर बढ़ने का आरोप लगाते हैं। कुछ वैश्विक टिप्पणीकारों ने प्रतिबंधित मीडिया, विपक्षी नेताओं की कैद और कुछ अन्य प्रतिबंधों के कारण चुनावों को 'स्वतंत्र, लेकिन निष्पक्ष नहीं' करार दिया था। यही वजह है कि अब इमामोग्लू की गिरफ्तारी को एक बड़ी घटना के तौर पर देखा जा रहा है।
BREAKING: People are allegedly being suspended on X in Turkey for posting videos of these protests against Erdoğan’s corrupt and repressive regime.
— Brian Krassenstein (@krassenstein) March 24, 2025
Keep sharing everywhere. pic.twitter.com/3bm3XGNn35
राष्ट्रपति एर्दोगन अपने ऊपर लगते रहे आरोपों को खारिज करते रहे हैं। उन्हें ग्रामीण, मध्यम वर्ग के मुसलमानों से बड़ा समर्थन भी मिलना जारी है। हालांकि इन सबके बीच तुर्की की अर्थव्यवस्था के गहराते संकट के कारण हाल के वर्षों में उनकी लोकप्रियता में कुछ कमी आई है।
इन सबके बीच इमामोग्लू एक लोकप्रिय नेता के रूप में देश में उभरे हैं। उन्हें कुर्द जातीय समुदाय और धर्मनिरपेक्ष मतदाताओं का बड़ा समर्थन प्राप्त हो रहा है। उन्हें 2019 में इस्तांबुल का मेयर चुना गया। इससे एर्दोगन की जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी (AKP) का 25 साल का नियंत्रण यहां समाप्त हो गया।
इमामोग्लू पर पहले भी अन्य मामलों में आरोपों का सामना करना पड़ा है। हालांकि, वे दावा करते रहे हैं कि ये सब राजनीति से प्रेरित हैं।
एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक विश्वविद्यालय ने लगभग 30 साल पहले उत्तरी साइप्रस के एक निजी विश्वविद्यालय से उनके स्थानांतरण में कथित अनियमितताओं का हवाला देते हुए इस सप्ताह की शुरुआत में उनके डिप्लोमा को रद्द कर दिया। इस फैसले ने उन्हें प्रभावी रूप से राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ से रोक दिया है, क्योंकि इस पद के लिए उम्मीदवारों का विश्वविद्यालय से स्नातक होना आवश्यक है।
इमामोग्लू को बनाया जाना था राष्ट्रपति उम्मीदवार
इमामोग्लू ने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'हमारे माध्यम से लोगों की इच्छा पर जो प्रहार किया गया है, उससे हमारी अर्थव्यवस्था, जिसे वे वर्षों से तबाह कर रहे हैं, और तुर्की का भविष्य और भी अधिक खतरे में पड़ गया है। इस राजनीतिक तख्तापलट की वजह से हमारे देश की अर्थव्यवस्था पिछले तीन दिनों से और भी अधिक बुरी रही है।' उन्होंने पोस्ट में आगे लोगों से 'इस तख्तापलट को हराने' का आह्वान किया।
इमामोग्लू को रविवार को पार्टी के आंतरिक मतदान के बाद तुर्की में अगले चुनावों के लिए विपक्षी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जाना था। वैसे, राष्ट्रपति के लिए आखिरी चुनाव यहां 2023 में हुए थे और ऐसे में 2028 तक यहां आम चुनाव नहीं होना है। लेकिन अगर एर्दोगन चुनाव लड़ना चाहते हैं तो इसे पहले भी कराया जा सकता हैं।
पोलिटिको वेबसाइट के अनुसार निवर्तमान जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कहा है कि इमामोग्लू की हिरासत तुर्की के लोकतंत्र और यूरोपीय संघ के साथ संबंधों के लिए "बहुत, बहुत बुरा संकेत" है।