वाशिंगटनः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका पर कोई हमला हुआ तो अमेरिकी सेना पूरे बल के साथ जवाब देगी। मध्य पूर्व में ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप का यह बयान सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

रविवार को सोशल मीडिया मंच 'ट्रुथ सोशल' पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने लिखा, "ईरान पर हुए हमलों से अमेरिका का कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन अगर ईरान की ओर से अमेरिका पर किसी भी तरह का हमला होता है, तो हमारी सेना पूरी ताकत से पलटवार करेगी। हालांकि, हम इस खूनी संघर्ष को समाप्त करवा सकते हैं- अगर दोनों पक्षों की इच्छा हो।"

ईरान के सैन्य ठिकानों पर बड़ा हमला

रविवार को इजराइली सेना ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर बड़ा हमला किया, जिसमें तेहरान स्थित ईरानी रक्षा मंत्रालय का मुख्यालय और एसपीएनडी (एक प्रमुख परमाणु अनुसंधान केंद्र) शामिल थे। इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) के अनुसार, इस हमले में उन लोकेशनों को निशाना बनाया गया, जहां ईरान कथित रूप से अपने न्यूक्लियर संसाधन छिपा रहा था।

इसके जवाब में, ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इजराइल के ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर और जेट फ्यूल उत्पादन केंद्रों पर हमले की जिम्मेदारी ली है। तेल अवीव और यरुशलम सहित कई बड़े इजराइली शहरों में हवाई हमले के सायरन बजने की घटनाएं सामने आई हैं, जो हमलों की गंभीरता को दर्शाता है।

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इजराइली प्रधानमंत्री का रुख

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सैन्य अभियान का बचाव करते हुए कहा, "ईरान से उत्पन्न हो रहे अस्तित्वगत खतरे को समाप्त करना हमारी प्राथमिकता है। यह ऑपरेशन तब तक चलेगा, जब तक खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता।"

तनावपूर्ण हालातों के बीच ट्रंप ने ईरान को फिर से कूटनीतिक समाधान की सलाह दी। उन्होंने कहा कि ईरान को परमाणु महत्वाकांक्षाएं छोड़कर अमेरिका से समझौते की मेज़ पर लौटना चाहिए — इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।"

समाचार एजेंसी आईएएनएस इनपुट