पश्चिम एशिया में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं क्योंकि इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष ने एक खतरनाक मोड़ ले लिया है। रविवार तड़के दोनों देशों ने एक-दूसरे पर बड़े पैमाने पर हमले किए, जिससे पूरे क्षेत्र में व्यापक युद्ध की आशंका गहरा गई है। इजरायल ने अपने ऑपरेशन 'राइजिंग लायन' के तहत ईरान के सबसे बड़े गैस क्षेत्र पर हवाई हमला किया, जो ईरान की अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा माना जाता है। इस हमले में ईरान की सैन्य और रणनीतिक परिसंपत्तियों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया गया।

इजराइल के ताजा हमलों में तेहरान में एक बहुमंजिला आवासीय इमारत पर मिसाइल गिरने से 60 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 29 बच्चे शामिल हैं। दूसरी ओर, ईरानी मिसाइल हमले में इजराइल में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है। 

केंद्रीय इजराइल में एक रॉकेट हमले में चार लोगों की मौत हुई, जिनमें 10 वर्षीय बच्चा भी शामिल था, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए। श्फेला क्षेत्र में अलग हमले में 37 नागरिक घायल हुए। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने करीब 200 मिसाइलें और ड्रोन इजराइल की ओर दागे, जिनमें से अधिकांश को अमेरिकी रक्षा प्रणालियों की मदद से नष्ट कर दिया गया। हालांकि, गैलीली क्षेत्र में एक अपार्टमेंट पर गिरने से चार लोगों की मौत हो गई। इजराइल के कई इलाकों में रातभर सायरन बजते रहे। इजराइली आपातकालीन सेवा 'मगन डेविड अडोम' के अनुसार, देशभर में सायरन बजते ही लाखों लोग शरणस्थलों में भागे।

1. तेहरान में इजराइली मिसाइल हमला:

इजराइल के हवाई हमले में ईरान की राजधानी तेहरान में एक 14-मंजिला रिहायशी इमारत को निशाना बनाया गया, जिसमें कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 29 बच्चे शामिल थे। यह हमला इजरायल के ऑपरेशन ‘राइजिंग लायन’ के तहत हुआ।  

2. 150 से ज्यादा ठिकानों पर हमला

इजराइल ने ईरान में 150 से अधिक सैन्य और रणनीतिक ठिकानों पर हमले किए। इन ठिकानों में नतांज और इस्फहान जैसे प्रमुख परमाणु केंद्र, सैन्य अड्डे और हथियार निर्माण इकाइयाँ शामिल थीं। ईरानी समाचार एजेंसी ‘तसनीम’ के अनुसार, शनिवार रात तेहरान स्थित रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय को इजराइल ने निशाना बनाया। एक इमारत को हल्का नुकसान पहुंचा है। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

3. शीर्ष वैज्ञानिकों और सैन्य अधिकारियों की मौत

पिछले दो दिनों में इजराइल ने ईरान पर व्यापक हवाई हमले किए, जिनमें ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े 9 वरिष्ठ वैज्ञानिक और कई शीर्ष सैन्य जनरल मारे गए। ईरान के अनुसार, कम से कम 60 आम नागरिकों की मौत हुई है, जिनमें 20 बच्चे शामिल हैं।

4. 200 मिसाइलों और ड्रोन से ईरान का जवाबी हमला

ईरान ने इजराइल के खिलाफ लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन का इस्तेमाल किया। हमले चार चरणों में किए गए। इजराइल की एयर डिफेंस और अमेरिका के सहयोग से अधिकांश मिसाइलें रोकी गईं, लेकिन कुछ निशाने पर लगीं, जिनमें 4 इजराइली नागरिकों की मौत हो गई। 

ईरान ने रविवार तड़के अपने नए सैन्य अभियान ऑनेस्ट प्रॉमिस 3 की शुरुआत की और इज़राइल पर मिसाइलों की एक और बौछार की। ईरानी राज्य टीवी ने सुबह 3:10 बजे लाइव प्रसारण में बताया कि "नई लहर अभी शुरू हुई है।"

5. ईरान की धमकी – विदेशी सैन्य अड्डे भी निशाने पर

ईरान ने चेतावनी दी कि उसकी मिसाइलों को रोकने में मदद करने वाले किसी भी विदेशी सैन्य अड्डे को भी हमले का सामना करना पड़ेगा। यह संकेत अमेरिका, ब्रिटेन और खाड़ी देशों में मौजूद इजरायली सहयोगी अड्डों के लिए था।

6. तेहरान के आसमान में हमारे जेटः नेतन्याहू

इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजरायली वायुसेना जल्द ही तेहरान के आकाश में उड़ान भरती नजर आएगी। उन्होंने चेतावनी दी, "अब तक जो झेला गया है, वह केवल शुरुआत थी।" 

7. परमाणु वार्ता रद्द, ओमान की मध्यस्थता टूटी

इजराइली हमलों के बाद अमेरिका और ईरान के बीच रविवार को होने वाली छठी दौर की अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता को ओमान ने औपचारिक रूप से रद्द कर दिया। ओमान ने इस संवाद की मध्यस्थता की थी।

8. भारत और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं

भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में "संवाद और संयम" की अपील की लेकिन ईरान के समर्थन में SCO के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने नेतन्याहू को "गाजा नरसंहार से ध्यान हटाने और पूरे क्षेत्र को युद्ध में झोंकने" का दोषी ठहराया। SCO ने इजराइली हमलों की निंदा की।

9. तेल व्यापार संकट

ईरानी सांसद और सैन्य जनरल इस्माइल कोसारी ने संकेत दिया कि ईरान होरमुज जलडमरूमध्य बंद करने पर विचार कर रहा है। यह जलमार्ग वैश्विक तेल आपूर्ति का अहम केंद्र है। इसके बंद होने से वैश्विक बाजारों में संकट पैदा हो सकता है।

10. अंतरराष्ट्रीय नागरिक भी प्रभावित – क्रोएशिया का उदाहरण

तेल अवीव पर ईरानी मिसाइल हमले के दौरान क्रोएशिया के काउंसल और उनकी पत्नी घायल हो गए। क्रोएशियाई विदेश मंत्री ने हमले की निंदा करते हुए "आम नागरिकों और कूटनीतिक परिसरों पर हमलों" को चिंताजनक बताया।