वाशिंगटनः ईरान-इजराइल तनाव बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को अमेरिका की भी इस संघर्ष में एंट्री हो गई। अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों को निशाना बनाते हुए हवाई आक्रमण किया। ईरान पर अमेरिका द्वारा चलाए गए इस अभियान को नाम दिया गया था 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर।' ईरान और इजराइल के बीच यह संघर्ष 13 जून से चल रहा है। 

अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने अमेरिका के इस अभियान के बारे में बताया कि ऑपरेशन में 125 से अधिक विमान शामिल थे। अधिकारी ने बताया कि यह एक धोखेबाजी अभियान था जिसमें प्रशांत महासागर में बमवर्षा करने वाले विमानों को "छल" के तौर पर तैनात किया गया था। यह पूरा अभियान 25 मिनट तक चला और इस दौरान ईरान की वायु रक्षा प्रणाली (एयर डिफेंस सिस्टम) की तरफ से अमेरिकी विमानों पर कोई हमला नहीं हुआ। 

ऑपरेशन मिडनाइट हैमर

'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' के बारे में व्हाइट हाउस को संबोधित करते हुए स्टाफ जनरल के संयुक्त प्रमुखों के चेयरमैन डैन केन ने बताया कि ईरान के खिलाफ अमेरिकी सैन्य ऑपरेशन में सात स्टेल्थ B-2 बमवर्षक शामिल थे। उन्होंने कहा "बमवर्षकों ने ईरान के दो परमाणु ठिकानों फोर्दो और नतांज पर एक दर्जन से अधिक 30,000 पाउंड (13 हजार से अधिक किलोग्राम) वाले मैसिव आर्डनेंस पेनेट्रेटर बम गिराए और इस्फहान में टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं।"

केन ने बताया कि बमवर्षकों ने पूर्वी समय क्षेत्र (ET) के अनुसार, 6 बजकर 40 मिनट पर फोर्दो, नतांज और इस्फहान को निशाना बनाया और 7 बजकर 5 मिनट (ET) पर ईरान के हवाई क्षेत्र से वापस लौट आए। ये विमान मिसौर बेस से उड़े थे। यह मिशन 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद से सबसे लंबा बी-2 मिशन था। 

अमेरिकी हमले में क्या-क्या शामिल था?

केन के मुताबिक, अमेरिका स्ट्राइक में 14 बंकर बस्टर बम, दो दर्जन से अधिक टॉमहॉक मिसाइल और 125 से अधिक विमान शामिल थे। हाल के वर्षों में ऐसा पहली बार है जब अमेरिका ने मध्य पूर्व के संघर्ष में ईरान के खिलाफ इतने बड़े पैमाने पर गोला-बारूद इस्तेमाल किया हो।

केन ने कहा कि मुख्य स्ट्राइक में सात B-2 स्पिरिट बमवर्षक थे जिसमें से प्रत्येक में दो क्रू सदस्य थे। इन विमानों ने 18 घंटे की उड़ान भरी और इस दौरान बहुत कम संचार किया।

इस दौरान केन के साथ में अमेरिका रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ भी शामिल थे। हेगसेथ ने इस ऑपरेशन को एक बड़ी सफलता बताते हुए दावा किया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से नष्ट और तबाह हो गया है। 

इस दौरान हेगसेथ ने दोहराया कि ट्रंप ने पहली बार राष्ट्रपति बनने के बाद ही कहा था कि ईरान को "परमाणु हथियार" नहीं मिलना चाहिए। 

इजराइल ने 13 जून ईरान पर हमला किया था। इजराइल ने कहा था कि यह हमला ईरान को परमाणु कार्यक्रम से रोकने के लिए किया गया है। इसकी प्रतिक्रिया में ईरान ने भी इजराइल पर हमला किया था। ईरान के सरकारी अखबार नोर न्यूज ने स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से लिखा कि इजराइली हमले में अब तक कम से कम 430 लोग मारे गए हैं और 3,500 से अधिक घायल हैं। वहीं, इजराइल के स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, उनके 24 नागरिक मारे गए हैं और 1,272 लोग घायल हैं।