रूस जाएंगे ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची Photograph: (IANS)
मॉस्कोः रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने दावा किया है कि अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाए जाने के बाद कई देश ईरान को परमाणु हथियार देने के लिए तैयार हैं। मेदवेदेव ने इस संबंध में एक्स पर पोस्ट की एक सीरीज लिखी जिसमें लिखा कि ईरान के परमाणु ठिकानों फोर्दो, नतांज और इस्फहान को निशाना बनाने का अमेरिकी अभियान न केवल अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में विफल रहा बल्कि इसके परिणाम भी विपरीत आए।
ईरान-इजराइल के बीच बीती 13 जून से जारी तनाव के बीच रविवार सुबह अमेरिका की भी एंट्री हो गई। अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए। इस बीच ईरान ने रूस का रुख किया है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा है कि वह मॉस्को जाएंगे और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करेंगे।
अमेरिका को क्या हासिल हुआ?
मेदवेदेव ने एक पोस्ट में पूछा कि "अमेरिका ने ईरान की तीन परमाणु ठिकानों पर रात के समय किए गए हमलों से क्या हासिल किया?" इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि परमाणु ईंधन चक्र का बुनियादी ढांचा अप्रभावित है या इसमें मामूली क्षति हुई है।
मेदवेदेव ने आगे कहा कि "परमाणु सामग्री का संवर्धन और अब हम इसे स्पष्ट रूप से कह सकते हैं कि परमाणु हथियारों का भविष्य में उत्पादन जारी रहेगा।"
उन्होंने आगे कहा कि कई देश हैं जो ईरान को प्रत्यक्ष रूप से अपने परमाणु हथियार देने को तैयार हैं। हालांकि, मेदवेदेव ने किसी देश का नाम नहीं लिया।
वहीं, अमेरिका के इस हमले को उन्होंने न सिर्फ सैन्य रूप से बल्कि राजनैतिक रूप से भी विफल बताया है। उन्होंने लिखा, "ईरान का राजनीतिक शासन बच गया है - और पूरी संभावना है कि यह और भी मजबूत हो गया है," उन्होंने तर्क दिया कि हमलों ने ईरान को घरेलू समर्थन मजबूत करने में ही मदद की है। "लोग देश के आध्यात्मिक नेतृत्व के इर्द-गिर्द एकजुट हो रहे हैं, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जो पहले इसके प्रति उदासीन या विरोधी थे।"
नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर ट्रंप पर कसा तंज
इसके साथ ही मेदवेदवे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मजाक भी उड़ाया। उन्होंने कहा ट्रंप जो कभी 'शांति के राष्ट्रपति' माने जाते थे, अब अमेरिका को एक युद्ध में धकेल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा करते हुए ट्रंप नोबेल पुरस्कार के बारे में भूल सकते हैं, भले ही इसमें कितनी ही धांधली क्यों न हो?
अमेरिका द्वारा ईरान पर की गई कार्रवाई की ईरान ने निंदा की है। विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इसे घृणित बताया है। वहीं, चीन, पाकिस्तान, संयुक्त राष्ट्र समेत अमेरिकी डेमोक्रेट्स नेताओं ने भी अमेरिकी कार्रवाई की निंदा की है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से फोन पर बात की और स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की।
इजराइल ने अमेरिका द्वारा की गई कार्रवाई की प्रशंसा की है। वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने कहा है कि कोई भी ईरान को परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं दे सकता है। इस पर रोक लगाने के लिए ही अमेरिका ने परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है।