नई दिल्ली: ईरान-इजराइल तनाव अब बढ़ता ही जा रहा है। दोनों देशों के बीच 13 जून से चल रहे संघर्ष के बीच अब अमेरिका की भी एंट्री हो गई है। अमेरिका ने रविवार को ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर हवाई हमला किया। इस हमले के बाद संघर्ष और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है और यह पश्चिमी एशिया समेत दुनियाभर के लिए चिंता का विषय है। अमेरिका द्वारा ईरान पर किए गए हमले के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से बातचीत की और उन्होंने क्षेत्रीय तनाव को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हमने वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की है।
पीएम मोदी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, "ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से बात की। हमने मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा की। साथ ही हाल की तनावपूर्ण घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। मैंने तत्काल तनाव कम करने बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर चलने तथा क्षेत्रीय शांति सुरक्षा और स्थिरता की जल्द बहाली के लिए हमारी अपील को दोहराया।"
Spoke with President of Iran @drpezeshkian. We discussed in detail about the current situation. Expressed deep concern at the recent escalations. Reiterated our call for immediate de-escalation, dialogue and diplomacy as the way forward and for early restoration of regional…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 22, 2025
अमेरिका ने सुबह किया हमला
अमेरिका ने भारतीय समयानुसार, रविवार सुबह 4:30 बजे ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर हमला किया।
इस हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि ईरान पिछले 40 साल से अमेरिका के खिलाफ काम कर रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि हमले के पीछे का मकसद ईरान की न्यूक्लियर एनरिचमेंट कैपेसिटी को बर्बाद करना था।
वहीं अमेरिका की एयर स्ट्राइक के बाद इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने पुष्टि की है कि ईरान ने रविवार सुबह इजरायल पर 30 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी। ईरान के हमलों में तेल अवीव, हाइफा और यरुशलम सहित कई प्रमुख शहरों को निशाना बनाया गया।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, तेल अवीव और हाइफा में कई विस्फोट सुने गए। इस दौरान इजरायल डिफेंस सिस्टम ने आने वाले प्रोजेक्टाइल को रोकने की कोशिश की। आईडीएफ ने एक बयान में कहा, "इजरायली सेना ने इजरायल की ओर आने वाली ईरानी मिसाइलों की एक और सीरीज का पता लगाया है।"
चीन, पाकिस्तान, संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता
अमेरिका द्वारा ईरान पर की गई कार्रवाई पर चीन, पाकिस्तान समेत संयुक्त राष्ट्र ने निंदा की है। इसके अलावा अमेरिकी डेमोक्रेटिक नेताओं ने भी डोनाल्ड ट्रंप की कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया। वहीं, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी कार्रवाई की सराहना की। यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने ईरान से मेज पर बातचीत का आह्वान किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम विश्व शांति के लिए खतरा है।
उन्होंने कहा कि कोई भी ईरान को परमाणु कार्यक्रम की अनुमति नहीं दे सकता और अमेरिका ने इसे रोकने के लिए परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए।
वहीं, ईरान ने अमेरिका द्वारा किए गए हमलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के मुताबिक, ईरान को जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार है। ईरान विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इन हमलों को घृणित करार दिया। इसके साथ ही इसके दूरगामी नतीजों की भी चेतावनी दी।
(आईएएनएस से इनपुट्स के साथ)