Tuesday, November 4, 2025
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कौन हैं सूडान में अगवा हुए भारत के आदर्श बेहरा, विद्रोही गुट RSF ने पकड़ा; पूछा- शाहरूख खान को जानते हो?

यह अफ्रीकी देश गृह युद्ध की चपेट में है। देश की सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। भारतीय दूतावास के अनुसार, लगभग 100 भारतीय सूडान में रहते और काम करते हैं।

सूडान में जारी हिंसा ने अब एक भारतीय परिवार को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया है। सामने आई जानकारी के अनुसार युद्धग्रस्त अल-फशर में विद्रोही बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) ने एक 36 वर्षीय भारतीय नागरिक आदर्श बेहरा का अपहरण कर लिया है। सूडान में पिछले कई महीनों से जारी हिंसा में 1,50,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं,

बहरहाल, भारतीय नागरिक के अपहरण की पुष्टि करते हुए भारत में सूडान के राजदूत मोहम्मद अब्दुल्ला अली एल्टॉम ने कहा कि उनका देश उस शख्स की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। जिस भारतीय शख्स का अपहरण किया गया है, उसे लेकर क्या जानकारी सामने आई है और विद्रोही उससे क्या चाहते हैं? आइए जानते हैं-

सूडान में पकड़े गए भारतीय आदर्श बेहरा कौन हैं?

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार बेहरा साल 2022 से सूडान में एक फैक्ट्री में काम कर रहे थे। एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें सूडान के रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के दो जवान एक भारतीय नागरिक के साथ बैठे दिखाई दे रहे हैं। उनमें से एक जवान उससे अंग्रेजी में पूछता सुनाई देता है, ‘क्या तुम शाहरुख खान को जानते हो?’

उसके पीछे एक और सिपाही उसे ‘दगालो गुड’ कहने के लिए प्रेरित करता है। यह दरअसल आरएसएफ के कमांडर मोहम्मद हमदान दगालो उर्फ हेमेदती का जिक्र है।

वीडियो में दिख रहे भारतीय आदर्श बेहरा ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के रहने वाले है। 36 वर्षीय इस व्यक्ति का कथित तौर पर अल-फशर से अपहरण किया गया था और माना जा रहा है कि उसे खार्तूम से लगभग 1,000 किलोमीटर दूर, दक्षिण दारफुर में आरएसएफ के गढ़, न्याला ले जाया गया है।

बेहरा 2022 से सूडान में काम कर रहे हैं और उनके परिवार का कहना है कि वह सुकराती प्लास्टिक फैक्टरी नाम की एक कंपनी में कार्यरत थे। उनकी पत्नी सुष्मिता बेहरा के अनुसार, उनके आठ और तीन साल के दो बेटे हैं।

एनडीटीवी के अनुसार बेहरा की पत्नी ने बताया, ‘पहले, उन्होंने मुझे बताया था कि हालात बिगड़ रहे हैं, लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ हो सकता है।’ पत्नी ने आगे बताया कि परिवार ने ओडिशा सरकार के साथ-साथ भारतीय विदेश मंत्रालय से भी उनकी सुरक्षित रिहाई के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।

बेहरा के परिवार की ओर से साझा किए गए एक अन्य वीडियो में वे जमीन पर हाथ जोड़कर मदद की गुहार लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। बेहरा वीडियो में कहते नजर आते हैं, ‘मैं यहाँ अल-फशर में हूँ जहाँ हालात बहुत खराब हैं। मैं दो साल से बड़ी मुश्किल से यहाँ रह रहा हूँ। मेरा परिवार और बच्चे बहुत चिंतित हैं। मैं राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाता हूँ।’

भारतीय दूतावास के अनुसार, लगभग 100 भारतीय सूडान में रहते और काम करते हैं। यह स्थिति तब है जब 2023 में गृहयुद्ध छिड़ने पर कई अन्य भारतीय नागरिकों को सूडान से निकाला गया था।

सूडान में अभी क्या हालात है?

बेहेरा के अपहरण की खबर सूडान में जारी व्यापक मानवीय संकट के बीच आई है। यहां लंबे समय से चल रहे संघर्ष ने आम लोगों जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है और नागरिकों की जान लगातार खतरे में है।

यह अफ्रीकी देश गृहयुद्ध की चपेट में है। देश की सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। आरएसएफ पहले सूडान सरकार द्वारा ही संचालित किया जाता था। हालांकि ये बाद में सूडानी सरकार के खिलाफ हो गई जिससे देश में 2023 में गृहयुद्ध की शुरुआत हुई।

हालिया तनाव तब बढ़ा जब आरएसएफ ने 18 महीने की घेराबंदी के बाद सेना के कब्जे वाले दारफुर के आखिरी बड़े शहर अल-फशर पर कब्जा कर लिया। ऐसी खबरें आई हैं कि इसके बाद यहां सामूहिक हत्याएँ, यौन हिंसा, लूटपाट और अपहरण की लगातार घटनाएँ सामने आई हैं।

इसके अलावा सूडान में अकाल भी फैल रहा है। भूख संकट पर नजर रखने वाली अग्रणी अंतरराष्ट्रीय प्राधिकरण- इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन के अनुसार दारफुर के अल-फशर और दक्षिण कोर्डोफान प्रांत के कडुगली शहर में अकाल का पता चला है। दारफुर और कोर्डोफान के बीस अन्य क्षेत्र, जहाँ हाल के महीनों में लड़ाई तेज हुई है, वह भी अकाल के खतरे में हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर तक दारफुर और कोर्डोफान में लगभग 375,000 लोग अकाल की चपेट में आ चुके हैं, और सूडान में 63 लाख से ज्यादा लोग अत्यधिक भूख का सामना कर रहे हैं।

इस बीच संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एजेंसी ने बताया है कि इस खतरनाक स्थिति से बचने के लिए शनिवार से अब तक 36,000 से ज्यादा लोग सूडान के कोर्डोफान क्षेत्र से पलायन कर चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि ज्यादातर लोग पैदल ही अल-फशर के पश्चिम में स्थित तवीला शहर जा रहे हैं, जहाँ 652,000 से ज्यादा विस्थापित शरण लिए हुए हैं।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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