कोलकाता में साइबर अपराध का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता और चार बार के लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी के बैंक खाते से साइबर ठगों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए 56 लाख रुपये से अधिक की रकम उड़ा दी है। यह ठगी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की एक निष्क्रिय (डॉर्मेंट) खाता से हुई, जिसे अपराधियों ने फर्जीवाड़े से फिर से सक्रिय कराया।
कैसे हुई ठगी?
मामले की जानकारी के अनुसार, ठगों ने बनर्जी की फोटो बदलकर नकली पैन और आधार कार्ड तैयार किए और उन्हीं के आधार पर बैंक में केवाईसी अपडेट करा दिया। इसके बाद खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर भी बदल दिया गया, जिससे उन्हें खाते पर पूरी पकड़ मिल गई।
अनंदबाजार पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक, यह खाता एसबीआई की विधानसभा शाखा में खोला गया था, जब बनर्जी असांसोल दक्षिण से विधायक थे। विधायक भत्ते इसी खाते में जमा होते थे। लंबे समय से कोई लेन-देन न होने के कारण यह खाता निष्क्रिय हो गया था।
निष्क्रिय खाते को पहले किया सक्रिय, फिर उड़ाए लाखों
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, यह खाता 2001 से 2006 के बीच खुला था। 28 अक्टूबर 2025 को ठगों ने पंजीकृत मोबाइल नंबर बदलने के बाद खाते को सक्रिय किया और कई ऑनलाइन लेन-देन कर कुल 56,39,767 रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने महंगी ज्वेलरी, एटीएम निकासी और अन्य ऑनलाइन ट्रांजैक्शनों के जरिए रकम निकाल ली।
ठगी की बड़ी बात यह रही कि सांसद के एसबीआई कालीघाट शाखा वाले निजी खाते से 56 लाख रुपये पहले इसी डॉर्मेंट खाते में ट्रांसफर किए गए, जिसके बाद ठगों ने उसे खाली कर दिया।
खाते में गड़बड़ी का पता चलते ही बनर्जी ने तुरंत बैंक अधिकारियों से शिकायत की। अनंदबाजार के अनुसार, बनर्जी ने व्यंग्य करते हुए कहा कि अगर पैसा बैंक में रखो, तो अपराधी ले जाएंगे और घर में रखो तो नरेंद्र मोदी ले जाएंगे।
एसबीआई हाई कोर्ट शाखा ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। कोलकाता पुलिस की साइबर क्राइम डिवीजन ने जांच शुरू कर दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम बैंक की आंतरिक प्रक्रिया की जांच कर रहे हैं और यह पता लगाया जा रहा है कि खाता कैसे एक्सेस किया गया। ठगों तक पहुंचने और रकम वापस लाने के प्रयास जारी हैं।
इसी बीच, एसबीआई ने जांच में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है और केवाईसी रिकॉर्ड, ट्रांजैक्शन लॉग और ऑडिट दस्तावेज पुलिस को सौंपने शुरू कर दिए हैं।
साइबर ठगी का बढ़ता खतरा
कल्याण बनर्जी के एक करीबी ने कहा कि सांसद को भरोसा है कि पुलिस जल्द ही अपराधियों तक पहुंचेगी और धन की रिकवरी होगी। यह मामला एक बार फिर दर्शाता है कि भारत में साइबर अपराधी खासतौर पर राजनीतिक हस्तियों और निष्क्रिय खातों को निशाना बना रहे हैं, जो बैंकिंग सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

