Homeभारततहव्वुर राणा ने NIA कस्टडी में कुरान समेत मांगी ये चीजें

तहव्वुर राणा ने NIA कस्टडी में कुरान समेत मांगी ये चीजें

नई दिल्लीः तहव्वुर राणा के अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए उससे पूछताछ कर रही है। इस दौरान उसने एनआईए के अधिकारियों से कुरान की मांग की। अधिकारियों के मुताबिक, वह पांच वक्त की नमाज पढ़ता है। एनआईए द्वारा पूछताछ के दौरान उसने कुरान के अलावा पेन और पेपर की भी मांग की। 

तहव्वुर राणा साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का मुख्य साजिशकर्ता है। अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद उसे एनआईए मुख्यालय सीजीओ कॉम्प्लेक्स की उच्च सुरक्षा  सेल में रखा गया है। इस दौरान पूरे 24 घंटे उसकी निगरानी सुरक्षाकर्मियों द्वारा की जाती है। 

कस्टडी में नहीं मिली है विशेष सुविधा

हिंदुस्तान टाइम्स ने अधिकारियों के हवाले से लिखा कि उसे बिना किसी विशेष व्यवस्था के अन्य गिरफ्तार किए गए लोगों की तरह रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि राणा ने कुरान की मांग की थी, जिसे मान लिया गया है।

इसके साथ ही अधिकारियों ने बताया कि वह पांच वक्त की नमाज पढ़ता है। इसके साथ ही उसने पेन और पेपर की भी मांग की थी। हालांकि उस पर पूरी निगरानी रखी जा रही है कि वह पेन से खुद को किसी भी तरह हानि न पहुंचा सके। 

अदालत के निर्देशों के अनुसार, राणा को अपने वकील से हर दूसरे दिन मिलने की अनुमति है। इसके अलावा हर 48 घंटे में उसका मेडिकल परीक्षण भी होता है। राणा को एनआईए के हेडक्वार्टर में शुक्रवार सुबह लाया गया था। अदालत ने एनआईए को 18 दिन की कस्टडी दी है। 

अधिकारी कर रहे हैं पूछताछ

एनआई के अधिकारी राणा से 26/11 हमलों के बारे में उससे पूछताछ कर रहे हैं। इस हमले में 160 से अधिक लोग मारे गए थे। अधिकारी उसकी डेविड कोलमैन के साथ पुराने फोन कॉल्स की डिटेल्स और अन्य बातों के बारे में पूछताछ कर पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसकी वास्तविक भूमिका क्या थी? 

राणा पर आरोप है कि उसने डेविड कोलमैन जिसे दाउद गिलानी के नाम से भी जाना जाता है, को मुंबई आने और यहां पर हमलों के लिए जगहें चुनने के लिए दस्तावेज और अन्य सुविधाएं मुहैया कराईं थीं। 

राणा से उन लोगों के बारे में भी पूछताछ की जा रही है जिनसे उसने हमलों से मुलाकात की थी। इस दौरान उसने दुबई में भी एक शख्स से मुलाकात की थी। जांच एजेंसी द्वारा राणा की सभी एंगल से जांच की जा रही है और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संगठन से उसके संदिग्ध संबंध भी जांचे जा रहे हैं जिसने हमले किए थे। 

अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

डॉ उर्वशी on कहानीः इरेज़र
मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version