मोहन राकेश
मोहन राकेश (8 जनवरी 1925 - 3 दिसंबर 1972) हिंदी साहित्य में एक जाना-पहचाना नाम हैं। खासकर हिंदी साहित्य के 'नई कहानी' आंदोलन के अग्रदूतों में से एक थे। नाट्यलेखक और उपन्यासकार मोहन राकेश ने कुछ सालों तक हिंदी की पत्रिका 'सारिका' का भी संपादन किया। आषाढ़ का एक दिन (1958) के लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी द्वारा सम्मानित किया गया था। उनकी कई अन्य प्रमुख रचनाओं में लहरों के राजहंस, आधे-अधूरे (नाटक), अंधेरे बंद कमरे, अंतराल, न आने वाला कल आदि शामिल हैं।