दिल्ली उच्च न्यायालय

दिल्ली उच्च न्यायालय की स्थापना 5 सितंबर 1966 को की गई थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुरू में न केवल केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली बल्कि हिमाचल प्रदेश पर भी अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग किया। दिल्ली उच्च न्यायालय की शिमला में रेवेन्सवुड नाम की इमारत में हिमाचल प्रदेश पीठ थी। 25 जनवरी, 1971 को हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम- 1970 लागू होने तक दिल्ली उच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश पर अधिकार क्षेत्र का प्रयोग जारी रखा। दिल्ली हाई कोर्ट की स्थापना चार न्यायाधीशों के साथ की गई थी। वे मुख्य न्यायाधीश थे- जस्टिस के.एस.हेगड़े, न्यायमूर्ति आई.डी.दुआ, न्यायमूर्ति एच.आर.खन्ना और न्यायमूर्ति एस.के.कपूर। इस उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या में समय-समय पर वृद्धि होती रही। वर्तमान में दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 45 स्थायी न्यायाधीश और 15 अतिरिक्त न्यायाधीश है।

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