अलका सरावगी

अलका सरावगी हिन्दी की प्रसिद्ध कथाकार हैं। वे साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। उनका जन्म 17 नवंबर 1960 को हुआ। उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं—

उपन्यास: कलि-कथा वाया बाइपास, शेष कादम्बरी, कोई बात नहीं, एक ब्रेक के बाद, जानकीदास तेजपाल मैनशन, एक सच्ची-झूठी गाथा, कुलभूषण का नाम दर्ज कीजिए, गांधी और सरलादेवी चौधरानी।

कहानी संग्रह: कहानी की तलाश में, दूसरी कहानी, संपूर्ण कहानियाँ। उनकी रचनाओं का जर्मन, फ्रेंच, इटैलियन, स्पैनिश, अंग्रेज़ी सहित अनेक भारतीय भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। अलका सावरगी के पहले उपन्यास कलि-कथा वाया बाइपास को साहित्य अकादेमी पुरस्कार और शेष कादम्बरी को बिहारी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।