नई दिल्लीः 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल के इस सत्र में धूम मचाई है। वैभव ने गुजरात टाइटंस के खिलाफ 35 गेंदों में शानदार शतक ठोका। आईपीएल के इतिहास में सबसे तेज शतक लगाने वाले वह दूसरे बल्लेबाज बन गए हैं। वहीं, भारतीय खिलाड़ियों ने उनका पहला स्थान है। 

इस बीच वैभव को लेकर पूर्व भारतीय कोच और आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ग्रेग चैपल ने बीसीसीआई से उनके उचित प्रबंधन की चेतावनी दी है। ईएसपीएनक्रिकइंफो में लिखे एक कॉलम में चैपल ने कहा कि भारत ने सचिन तेंदुलकर के उत्कर्ष को देखा है लेकिन साथ ही विनोद कांबली और पृथ्वी शॉ जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का डाउनफाल भी देखा है।

चैपल ने क्या कहा?

चैपल ने अपने कॉलम में लिखा "सचिन तेंदुलकर ने किशोरवस्था में सिर्फ प्रतिभा की वजह से सफलता नहीं पाई बल्कि एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम की वजह से भी सफलता पाई - शांत स्वभाव, कोच, परिवार जिसने उन्हें सर्कस से बचाया। दूसरी तरफ विनोद कांबली, जो बराबर प्रतिभाशाली और शायद ज्यादा तेजतर्रार थे, प्रसिद्धि और अनुशासन के बीच संतुलन बनाने के लिए संघर्ष करते रहे। उनका पतन उनके उत्थान जितना ही नाटकीय था। पृथ्वी शॉ एक और चमत्कार खिलाड़ी हैं जो गिर गए हैं लेकिन फिर भी शिखर पर वापस जाने का रास्ता खोज सकते हैं।"

इसके साथ ही आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ने युवा प्रतिभाओं को सही से निखारने के महत्व पर भी बात की। चैपल ने कहा कि "ये कहानियां युवाओं की क्षमता पर सवाल नहीं उठाती बल्कि वे इस समझदारी को चुनौती देती हैं कि उस क्षमता को पोषित कैसे किया जाए या उसका शोषण कैसे किया जाए? "

चैपल ने आगे कहा कि बीसीसीआई, आईपीएल फ्रेंचाइजी और मीडिया से कहा कि वे वैभव का ख्याल रखें और मार्केटिंग करके उसका शोषण न करें, बल्कि उसकी प्रतिभा को निखारने पर ध्यान दें।

सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली

सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली का अंतर्राष्ट्रीय करियर लगभग साथ ही शुरू हुआ था। जहां सचिन ने खूब उत्कर्ष को छुआ तो वहीं कांबली पीछे छूट गए। सचिन ने जहां अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतकों का माइलस्टोन छुआ तो कांबली अंतर्राष्ट्रीय करियर में सिर्फ छह शतक लगा सके। सचिन ने अंतर्राष्ट्रीय करियर में 34 हजार से अधिक रन बनाए। 

कांबली ने टेस्ट क्रिकेट में 17 मुकाबले खेले और वनडे में 104 मुकाबले खेले। कांबली टेस्ट क्रिकेट में लगातार दो डबल सेंचुरी लगाने वाले पहले बल्लेबाज बने। हालांकि, लगातार अच्छा प्रदर्शन न करने की वजह से उनका अंतर्राष्ट्रीय सफर छोटा हो गया।

कांबली मैदान के बाहर अपने को संभालने में असफल रहे और उन्हें शराब की लत गई। इस वजह से वह लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। बीते साल दिसंबर में उनके स्वास्थ्य में खराबी के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उपचार के करीब एक हफ्ते के बाद अस्पताल से उन्हें छुट्टी दे दी गई। 

आईपीएल में नहीं चुने गए पृथ्वी शॉ

इसी तरह पृथ्वी शॉ का करियर की शुरुआत में शानदार मुकाम हासिल किए। साल 2018 में शॉ की कप्तानी में भारत ने अंडर-19 विश्व कप का खिताब हासिल किया। इसके बाद उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में मौका मिला और उनकी शुरुआत अच्छी रही। हालांकि, बाद में वह पिछड़ते चले गए।

अब तो हालात यह हैं कि आईपीएल के इस सीजन के लिए किसी भी टीम ने उनकी बोली नहीं लगाई। उनकी कप्तानी में खेलने वाले शुभमन गिल और अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहचान बना चुके हैं। 

इस आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स ने 14 वर्षीय वैभव पर भरोसा जताया और वैभव ने शनादार पारी खेलकर सेलेक्टर्स का भरोसा कायम रखा। गुजरात के खिलाफ खेली गई तूफानी पारी के बाद क्रिकेट के दिग्गजों ने वैभव की तारीफ की। इसमें मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और युवराज सिंह शामिल हैं। वैभव ने इस पारी में 11 छक्के और सात चौके जड़े। 

इसके साथ ही टी20 क्रिकेट में शतक जमाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी भी बने। ज्ञात हो कि वैभव सूर्यवंशी बिहार से ताल्लुक रखते हैं और आईपीएल का यह उनका पहला सीजन है। पहले ही सीजन में जिस तरह की बल्लेबाजी का प्रदर्शन वैभव ने किया है, इसने दुनियाभर के खिलाड़ियों का ध्यान आकर्षित किया है।