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अमेरिका ने 10 चीनी हैकरों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अमेरिकी एजेंसियों और अन्य देशों की जासूसी की है।
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इन आरोपों के तहत, अमेरिका ने चीनी कंपनी एनसन इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी, जिसे आई-सून के नाम से भी जाना जाता है, पर 87 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है।
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आरोपों के अनुसार, हैकरों ने अमेरिका, ताइवान, दक्षिण कोरिया, भारत और इंडोनेशिया से डेटा चुराया है और यह कार्यवाई एक जासूसी अभियान के जवाब में की गई है।
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अभियोग के अनुसार, आई-सून ने चीनी इंटेलिजेंस एजेंसी से हर ईमेल के इन्बॉक्स को हैक करने के लिए 10 हजार डॉलर से लेकर 75 हजार डॉलर तक की राशि ली है।
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इस मामले में, चीनी दूतावास ने विरोध जताया है और कहा है कि वह चीनी कंपनियों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।
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अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने भी शंघाई हेईयिंग इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है, क्योंकि इस पर चुराए गए डेटा को बेचने का आरोप है।
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इस पूरे घटनाक्रम ने अमेरिका और चीन के बीच साइबर जासूसी को लेकर तनाव को और बढ़ा दिया है।
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चीनी कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंधों का उद्देश्य जासूसी गतिविधियों पर अंकुश लगाना और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
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