वाशिंगटनः अमेरिका ने कई चीनी हैकरों के खिलाफ आरोप लगाए हैं। इन पर आरोप लगाए गए हैं कि इन्होंने जानकारी चुराई है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, संघीय अधिकारियों ने 10 लोगों पर जानकारी चुराने का आरोप लगाया है। अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि इन लोगों ने मिलकर डेटा चुराया है।
अमेरिका की तरफ से जिन 10 लोगों पर आरोप लगाए गए हैं इनमें से आठ एनसन इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी के कर्मचारी हैं। इस कंपनी को आई-सून के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, दो लोगों का संबंध चीन की सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय से है। इसके बाद चीनी कंपनी पर प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही 10 मिलियन डॉलर (87 करोड़ रुपये से ज्यादा) का जुर्माना भी लगाया गया है।
यह कार्यवाई एक जासूसी अभियान के जवाब में की गई जिसमें कथित तौर पर अमेरिका और अन्य देशों से जानकारी चुराई गई थी।
चीनी कंपनी पर क्या आरोप हैं?
टाइम्स ऑफ इंडिया ने अभियोग के हवाले से लिखा है कि आई-सून चीन के हैकर-फॉर-हायर ऑपरेशन में शामिल थी। इसमें कहा गया है कि जिन लोगों को टारगेट किया गया उसमें अमेरिकी एजेंसियां और विभागों समेत अन्य ताइवान, दक्षिण कोरिया, भारत और इंडोनेशिया भी शामिल है।
अभियोग में ऐसा दावा किया गया है कि आई-सून ने चीनी इंटेलिजेंस एजेंसी से हर ईमेल के इन्बॉक्स को हैक करने के लिए 10 हजार डॉलर (8 लाख) से लेकर 75 हजार (65 लाख) तक लिया है। इसके साथ ही प्राप्त डेटा का विश्लेषण करने के लिए अतिरिक्त फीस दी गई है।
हालांकि अमेरिका स्थित चीनी दूतावास ने इस कार्यवाई का विरोध किया है। इसके साथ ही दूतावास द्वारा कहा गया कि वह चीनी कंपनियों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएगा।
दूतावास द्वारा जारी बयान के अनुसार, "चीन अपनी कंपनियों और नागरिकों के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।"
इसी तरह के एक और मामले में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने भी शंघाई हेईयिंग इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। कंपनी और उसके मालिक पर आरोप है कि उसने चुराए गए डेटा को बेचा है।