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वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में केरल के पादरी, जताई 600 परिवारों के लिए न्याय की उम्मीद

नई दिल्लीः संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि वह सरकार संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है। वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार को पेश किया जाएगा। इसे कल 12 बजे पेश किया जाएगा। इस पर चर्चा के लिए आठ घंटे का समय दिया जाएगा। 

इस बीच केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (केसीबीसी) और कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया ने भी इस विधेयक का समर्थन किया है। इससे सरकार को और बल मिला है तो वहीं कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी हो रही है।

गौरतलब है कि जहां सरकार इस विधेयक को पेश करने के लिए तैयार दिखाई दे रही है तो वहीं विपक्षी दल और मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। 

सीबीसीआई ने क्या कहा?

इस विधेयक का समर्थन करते हुए कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया ने इसको लेकर एक बयान जारी किया है। इस बयान में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए लिखा गया है कि यह सत्य है कि मौजूदा वक्फ अधिनियम में कुछ ऐसे प्रावधान हैं जो कि संविधान और देश के धर्मनिरपक्ष लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप नहीं है।

इसके साथ ही इसमें मुनंबम के 600 परिवार की जमीनों का भी उल्लेख किया गया है जिसे वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति घोषित कर रखी है। यह मामला करीब 404 एकड़ जमीन से जुड़ा हुआ है। बीते तीन सालों से राज्य में इसको लेकर विवाद जारी है। सीबीसीआई द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इसका समाधान सिर्फ कानूनी संशोधन से ही निकल सकता है। 

इसको लेकर सीबीसीआई ने सभी पार्टियों और जनप्रतिनिधियों से भी अपील की है कि वे इस मुद्दे पर निष्पक्ष और रचनात्मक दृष्टिकोण रखें। इससे पहले केसीबीसी ने भी इस विधेयक का समर्थन किया था। केसीबीसी के समर्थन के बाद केरल राज्य के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने स्वागत करते हुए कहा था कि आम जनों के मुद्दों का समाधान करना ही नेताओं का फर्ज है। 

राज्य में जारी प्रदर्शन 

गौरतलब है कि राज्य में मुनंबम भूमि विवाद को लेकर बीते कई महीनों से लोगों का प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि वक्फ बोर्ड गलत अवैध रूप से उनकी भूमि को अपनी संपत्ति बता रहा है। विरोध कर रहे परिवारों में ज्यादातर लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू शामिल हैं।

केसीबीसी ने इसको लेकर जारी अपील में कहा कि इस मुद्दे का समाधान होना चाहिए।

अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...

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