Homeभारतबिहार दिवस पर क्या बोले कन्हैया कुमार?

बिहार दिवस पर क्या बोले कन्हैया कुमार?

मुजफ्फरपुर: कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार शनिवार को ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा के क्रम में मुजफ्फरपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज हम बिहार दिवस मना रहे हैं।

इस मौके पर शुभकामना देने के दौरान कई नेताओं ने बिहार के गौरवशाली इतिहास की बात बताई है। इसमें कोई शक नहीं कि बिहार का इतिहास गौरवशाली रहा है, लेकिन वर्तमान मुश्किल में है।  

बिहार को सुंदर बनाने की यात्रा

उन्होंने कहा, “कल ही पंजाब में बिहार के छात्रों की पिटाई की गई। वर्तमान को सुंदर किए बिना हमारा भविष्य सुंदर नहीं हो सकता है। यह यात्रा बिहार के भविष्य को सुंदर बनाने की है। बिहार के वर्तमान को बेहतर बनाने के लिए है।”

इस यात्रा को विद्यार्थियों और नौजवानों की यात्रा बताते हुए उन्होंने कहा कि इस यात्रा की शुरुआत भितिहरवा से हुई है। यह यात्रा जिस जिले में पहुंच रही है, वहां के लोग अपनी समस्या उठा रहे हैं। यहां एक तो समय पर परीक्षा नहीं होती और होती भी है तो पेपर लीक हो जाता है।

उन्होंने कहा कि आज यहां हम ऑटो चालक की समस्याओं को उठा रहे हैं। आज यहां महिला ऑटो चालकों को कई परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।

युवाओं को मंच उपलब्ध कराना है उद्देश्य

कन्हैया कुमार ने कहा कि उनकी यह पदयात्रा राजनीतिक नहीं, बल्कि पीड़ित युवाओं को संघर्ष का मंच उपलब्ध कराना है। उनकी आवाज से हम अपनी आवाज मिलाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने इस यात्रा पर सवाल उठाए जाने पर कहा कि यह देश यात्राओं का देश है। यहां यात्राएं होती रही हैं। इस देश की परंपरा यात्राओं की रही है। इस यात्रा का चुनाव से मात्र यह संबंध है कि चुनावी चर्चा हो तो सभी दलों से यह सवाल पूछा जाए कि उनके घोषणा पत्र में पलायन और रोजगार मुद्दा है या नहीं। बिहार में आज भी अस्पताल की समस्या है। अस्पताल में इलाज नहीं है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस जाति की पार्टी नहीं है। सवाल संघर्ष और मुद्दे का है।

(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

IANS
Indo-Asian News Service (IANS) भारत की एक निजी समाचार एजेंसी है। यह विभिन्न विषयों पर समाचार, विश्लेषण आदि प्रदान करती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

डॉ उर्वशी on कहानीः इरेज़र
मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version