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हरियाणाः आईपीएस पूरन कुमार के घर से बरामद हुआ सुसाइड नोट, वरिष्ठ अधिकारियों पर लगाया आरोप

हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने आठ पन्ने का नोट बरामद किया जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप लगाया।

चंडीगढ़ः हरियाणा के एडीजीपी वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर अपनी सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। अधिकारियों को मिले सुसाइड नोट में उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों पर “मानसिक प्रताड़ना” का आरोप लगाया।

पुलिस ने आठ पन्ने का सुसाइड नोट बरामद किया। पुलिस के मुताबिक, अधिकारी ने कथित तौर पर अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। उनका शव उनकी बेटी को बेसमेंट में मिला था जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी।

रिश्वतखोरी मामले में नाम शामिल किए जाने से परेशान थे पूरन कुमार

आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार कथित तौर पर राज्य सरकार की अनुमति के बिना एक शराब ठेकेदार की शिकायत पर रिश्वतखोरी के एक मामले में अपना नाम शामिल किए जाने से परेशान थे।

रोहतक पुलिस ने सोमवार को शराब ठेकेदार की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की। इसमें आरोप लगाया गया था कि कुमार के सहयोगी सुशील कुमार ने अधिकारी के नाम पर 2.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।

इस बीच पुलिस ने इस मामले में सुशील को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, एफआईआर में पूरन कुमार का नाम था। हालांकि, यह एफआईआर आनलाइन नहीं उपलब्ध कराई गई है।

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पूरना कुमार का ट्रांसफर बीती 29 सितंबर को रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय में तबादला कर दिया गया। इससे पहले वह रोहतक रेंज के महानिरीक्षक के पद पर तैनात थे।

उनका जन्म 1973 में हुआ था और वह साल 2033 में रिटायर होने वाले थे। उन्होंने इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की थी। इसके बाद 2001 बैच में आईपीएस चुने गए थे। उनके कथित सुसाइड नोट में अधिकारी ने 10 वरिष्ठ अधिकारियों, सेवारत और सेवानिवृ्त्त पर “मानसिक उत्पीड़न” का आरोप लगाया था।

अधिकारी ने क्या दावा किया?

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, इस नोट में उन्होंने दावा किया कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उन्हें लगातार मनोवैज्ञानिक यातना दी जा रही है।

नोट में आगे कहा गया कि अधिकारियों ने उनके पेशेवर करियर को बर्बाद करने की साजिश रची थी। चंडीगढ़ पुलिस ने हालांकि, इस मामले में अभी तक उन नामों का खुलासा नहीं किया है जिनके बारे में जिक्र है।

इससे पहले अधिकारी ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पत्र लिखकर आईपीएस अधिकारियों को दी गई पदोन्नति के बारे में लिखा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि ये पदोन्नतियां केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों को दरकिनार कर केवल वित्त विभाग की सहमति के आधार पर अवैध रूप से की गईं थीं।

गौरतलब है कि पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने अपने ध्वनिरोधी बेसमेंट में गोली मार ली। उनकी बेटी ने पुलिस को सूचना दी थी। उनकी मौत ने प्रशासनिक खेमे में हलचल पैदा कर दी। बीते कुछ समय से उनके वरिष्ठ अधिकारियों के साथ टकराव की भी खबरें आई थीं और उन्होंने कई बार इसको लेकर सवाल भी उठाए थे।

सिस्टम में रहते हुए पूरन कुमार ने प्रशासनिक स्तर पर होने वाली खामियों के बारे में कई सवाल भी उठाए थे। इसके अलावा भ्रष्टाचार को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाए।

अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...

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