नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को चेतावनी देते हुए कहा है कि जो लोग 'चिकन नेक कॉरिडोर' पर भारत को 'आदतन धमकाते' हैं, उन्हें यह सुन लेना चाहिए कि बांग्लादेश में जमीन की दो ऐसी संकरी पट्टियां हैं (चिकन नेक) जो बहुत ज्यादा असुरक्षित हैं। भारत का चिकन नेक, जिसे सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नाम से जाना जाता है, जमीन की एक संकरी पट्टी है, जिसकी चौड़ाई लगभग 22 किलोमीटर से 35 किलोमीटर है, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र को शेष भारत से जोड़ती है।
सरमा ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "जो लोग 'चिकन नेक कॉरिडोर' पर भारत को आदतन धमकाते हैं, उन्हें इन तथ्यों पर भी ध्यान देना चाहिए: बांग्लादेश के पास अपने दो 'चिकन नेक' हैं। दोनों ही बहुत ज्यादा असुरक्षित हैं। पहला 80 किलोमीटर लंबा उत्तरी बांग्लादेश कॉरिडोर है- दखिन दिनाजपुर से दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स तक। यहां कोई भी व्यवधान, पूरे रंगपुर डिवीजन को शेष बांग्लादेश से पूरी तरह अलग कर सकता है।"
To those who habitually threaten India on the “Chicken Neck Corridor”, should note these facts as well:
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 25, 2025
1️⃣ Bangladesh has two of its own “chicken necks”. Both are far more vulnerable
2️⃣ First is the 80 Km North Bangladesh Corridor- from Dakhin Dinajpur to South West Garo… pic.twitter.com/DzV3lUAOhR
हिमंत बिस्वा सरमा की चेतवानी
उन्होंने एक्स पर लिखा, 'दूसरा, 28 किलोमीटर लंबा चटगांव कॉरिडोर है, जो दक्षिण त्रिपुरा से बंगाल की खाड़ी तक है। यह कॉरिडोर, जो भारत के चिकन नेक से भी छोटा है, बांग्लादेश की आर्थिक राजधानी और राजनीतिक राजधानी के बीच एकमात्र संपर्क है।'
सरमा ने दावा किया कि पड़ोसी देश के लिए, इनमें से किसी एक 'चिकन नेक' में व्यवधान से उसकी आर्थिक और राजनीतिक राजधानियों के बीच संपर्क टूट जाएगा, और दूसरे में व्यवधान से पूरा रंगपुर डिवीजन देश के बाकी हिस्सों से अलग हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं केवल भौगोलिक तथ्य प्रस्तुत कर रहा हूं, जिसे कुछ लोग भूल सकते हैं। भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर की तरह, हमारे पड़ोसी देश में भी उनके दो संकीर्ण गलियारे हैं।'
हिमंत बिस्वा सरमा ने यूनुस के बयान पर किया पलटवार
वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मोहम्मद यूनुस के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के दो चिकन नेक हैं। दोनों ही बहुत अधिक असुरक्षित हैं। पहला है 80 किलोमीटर लंबा उत्तर बांग्लादेश कॉरिडोर- दक्षिण दिनाजपुर से दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स तक।