ढाका: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने रविवार को कहा कि जब से सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाया है, तब से देश के अंदर और बाहर दोनों जगह 'युद्ध जैसी स्थिति' पैदा हो गई है। नोबेल पुरस्कार विजेता की यह टिप्पणी देश के अन्य राजनीतिक दलों के साथ एक बैठक में आई।

बांग्लादेशी समाचार आउटलेट 'द डेली स्टार' की रिपोर्ट के अनुसार यूनुस ने बांग्लादेश में सक्रिय विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों के 20 नेताओं से मुलाकात की। यह बैठक राज्य अतिथि गृह, जमुना में दो अलग-अलग सत्रों में हुई।

मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम के अनुसार बैठक के दौरान मोहम्मद यूनुस ने कहा, 'देश के अंदर और बाहर दोनों जगह युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे हम आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, सब कुछ ध्वस्त हो गया है और हम फिर से गुलामी की ओर धकेल दिए गए हैं।'

'अगर मैं चुनाव नहीं करा सका तो...'

यह बैठक ऐसी खबरों के बीच हुई जिनमें कहा गया था कि यूनुस ने हाल के घटनाक्रमों पर निराशा व्यक्त करते हुए पद छोड़ने की इच्छा जताई है। इस बीच, बीएनपी, जमात-ए-इस्लामी और नेशनल सिटिजन पार्टी के नेताओं ने शनिवार को यूनुस से अलग-अलग मुलाकात की। 

बैठक के दौरान यूनुस ने कहा कि 2024 के बड़े पैमाने पर विद्रोह ने देश को 'चीजों को बदलने' का एक बड़ा अवसर दिया है। बैठक में यूनुस ने कहा, 'जब से अवामी लीग की गतिविधियों पर (12 मई को) प्रतिबंध लगा है, तब से स्थिति को अस्थिर करने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं। हमें इससे खुद को बचाना चाहिए।'

उन्होंने राजनीतिक नेताओं से कहा कि वह देश को नुकसान पहुंचाने वाला कोई कदम नहीं उठाएंगे। उन्होंने कहा, 'जब हम सभी एक साथ बैठे हैं तो मेरा भरोसा जगा है। अगर मैं निष्पक्ष चुनाव कराने में विफल रहता हूं, तो मैं खुद को दोषी महसूस करूंगा।'

प्रेस सचिव ने यह भी बताया कि यूनुस ने दिसंबर 2025 से अगले साल 30 जून के बीच चुनाव कराने की बात कही। शफीकुल आलम ने कहा, 'मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस 30 जून 2026 के बाद एक दिन भी सत्ता में नहीं रहेंगे।'

प्रेस सचिव शफीकुल ने कहा कि पार्टी नेताओं ने मीटिंग में यूनुस की बात सुनी और अंतरिम सरकार के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की।

बांग्लदेश में हड़ताल, प्रदर्शनों का दौर

बांग्लादेश में सरकारी कर्मचारियों के बीच लगातार असंतोष बढ़ने जैसी खबरें आ रही हैं। रविवार को लगातार दूसरे दिन कर्मचारियों ने बांग्लादेश सचिवालय के अंदर प्रदर्शन किया। वे सरकारी सेवा (संशोधन) अध्यादेश-2025 का विरोध कर रहे हैं। इसे काला कानून बताते हुए वापस लेने की मांग हो रही है। इस कानून से अधिकारियों के लिए दंडात्मक कार्रवाई करना और सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त करना आसान हो गया है।

बांग्लादेश में आज सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक भी कई मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हड़ताल पर हैं। उनकी मांगों में वेतनमान के 11वें ग्रेड के तहत वेतन बढ़ाना शामिल हैं। अन्य मांगों में 10 और 16 साल की सेवा पूरी करने के बाद उच्च वेतन ग्रेड में ट्रांसफर जुड़ी जटिलताओं का समाधान करना और तेजी से पदोन्नति करना शामिल है। इसमें प्रधानाध्यापकों के 100 प्रतिशत पदों को भरने के लिए सहायक शिक्षकों की पदोन्नति की मांग भी शामिल है।

शेख हसीना साध रहीं यूनुस पर निशाना

इससे पहले बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने ताजा ऑडियो संदेश में यूनुस की आलोचना करते हुए उन पर 'देश को अमेरिका को बेचने' का आरोप लगाया। हसीना का गुस्सा यूनुस सरकार के अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के जवाब में था।

हसीना ने कहा, 'मेरे पिता सेंट मार्टिन द्वीप के लिए अमेरिका की मांगों से सहमत नहीं थे। उन्हें इसके लिए अपनी जान देनी पड़ी। और यही मेरी नियति थी क्योंकि मैंने सत्ता में बने रहने के लिए देश को बेचने के बारे में कभी नहीं सोचा था।'

बकौल हसीना, 'उन्होंने आतंकवादियों की मदद से सत्ता हथियाई है, यहां तक ​​कि उन आतंकवादियों की भी जो विभिन्न अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में प्रतिबंधित हैं, जिनके खिलाफ मेरी सरकार ने बांग्लादेश के लोगों की रक्षा की। केवल एक आतंकवादी हमले के बाद, हमने सख्त कदम उठाए। कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। अब जेलें खाली हैं। उन्होंने सभी को रिहा कर दिया। अब बांग्लादेश उन आतंकवादियों का आशियाना है।'

हसीना ने अपनी पार्टी पर प्रतिबंध को भी 'असंवैधानिक' बताया। हसीना ने अपने संदेश में कहा, 'हमें अपने महान बंगाली राष्ट्र का संविधान लंबे संघर्ष और मुक्ति संग्राम के माध्यम से मिला है। इस उग्रवादी नेता को, जिसने अवैध रूप से सत्ता पर कब्जा कर लिया है, संविधान को छूने का अधिकार किसने दिया? उनके पास लोगों का जनादेश नहीं है और उसका कोई संवैधानिक आधार नहीं है। उस पद (मुख्य सलाहकार) का भी कोई आधार नहीं है और वह अस्तित्व में नहीं है। तो, वह संसद के बिना कानून कैसे बदल सकते है? यह अवैध है। उन्होंने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है।'