नई दिल्ली: भारत की ओर से 6 और 7 मई की दरम्यानी रात पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया गया, जिसमें कई आतंकियों के मारे जाने की खबर है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की ओर से की गई इस कार्रवाई को लेकर भारतीय सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय ने बुधवार को संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग की। खास बात ये रही कि इस प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ-साथ दो महिला सैन्य अधिकारी- वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह (Wg Cdr Vyomika Singh) और भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी (Col Sofiya Qureshi) शामिल रहीं।
प्रेस ब्रीफिंग में सैन्य अधिकारियों ने आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले की क्लिप भी दिखाई। सूत्रों के हवाले से आई जानकारी के अनुसार पाकिस्तान पर कार्रवाई को लेकर कोडनेम 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा चुना गया था। सिंदूर का भारतीय संस्कृति और परंपरा में खास महत्व रहा है। हिंदू सुहागन महिलाएं इसे अपनी मांग में भरती हैं।
पहलगाम में आतंकियों ने खासतौर पर हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया था और उनकी पत्नी और बच्चों के सामने बेरहमी से गोली मारी थी। भारत के सैन्य ऑपरेशन का कोडनेम और दुनिया को इस ऑपरेशन की जानकारी देने के लिए दो महिला अधिकारियों को सामने लाकर भारत ने एक तरह से कड़ा संदेश पाकिस्तान को दिया है।
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय सशस्त्र बलों की दो जांबाज महिला अधिकारी हैं, जिन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लेकर देश का गौरव बढ़ाया। आइए आपको वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में बताते हैं।
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?
कर्नल कुरैशी भारतीय सेना की एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने अपने साहस, नेतृत्व और समर्पण से देश का गौरव बढ़ाया है। वह मूल रूप से गुजरात की रहने वाली हैं। सोफिया का परिवार सैन्य परंपरा से जुड़ा हुआ है। उनके दादा भारतीय सेना का हिस्सा थे, जबकि उनके पिता ने कुछ वर्षों तक सेना में धार्मिक शिक्षक के रूप में सेवाएं दीं।
इस पारिवारिक पृष्ठभूमि ने सोफिया को सैन्य सेवा के प्रति प्रेरित किया। उनकी निजी जिंदगी में भी सेना से गहरा नाता है। सोफिया की शादी मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री के अधिकारी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुई है और उनका एक बेटा समीर कुरैशी है।
कर्नल सोफिया ने 1999 में चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त कर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन हासिल किया। इसके बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण मिशनों में हिस्सा लिया। साल 2006 में उन्होंने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में सेवा दी। 2010 से वह शांति स्थापना अभियानों से जुड़ी रहीं। पंजाब सीमा पर ऑपरेशन पराक्रम और उत्तर-पूर्व भारत में बाढ़ राहत कार्यों में उनके योगदान के लिए उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) और सिग्नल ऑफिसर-इन-चीफ (एसओ-इन-सी) के प्रशंसा पत्र प्राप्त हुए।
कर्नल सोफिया ने 2016 में ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ में भारतीय दल की अगुवाई कर इतिहास रचा। यह भारत द्वारा आयोजित सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास था, जिसमें वह 18 देशों के दलों में एकमात्र महिला अधिकारी थीं। उनके इस सराहनीय नेतृत्व से न केवल भारत का मान बढ़ाया, बल्कि महिला सैन्य अधिकारियों के लिए एक मिसाल कायम की। हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रेस ब्रीफिंग में उनकी उपस्थिति ने एक बार फिर उनके कद को उजागर किया। इस ऑपरेशन में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमलों को अंजाम दिया गया, जिसमें सोफिया की रणनीतिक भूमिका महत्वपूर्ण थी।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह के बारे में
भारतीय वायुसेना में हेलीकॉप्टर की बेहतरीन पायलट विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत के लक्षित हमलों के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया ब्रीफिंग का नेतृत्व किया। विंग कमांडर व्योमिका सिंह सबसे पहले राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) में शामिल हुईं। अपने परिवार से सशस्त्र बलों में शामिल होने वाली वह पहली व्यक्ति हैं।
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विंग कमांडर व्योमिका सिंह को भारतीय वायुसेना में हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में कमीशन मिला है। साल 2019 में फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन मिला। उन्हें 2,500 से अधिक घंटों की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर सहित कुछ सबसे कठिन इलाकों में चेतक और चीता जैसे हेलीकॉप्टरों का संचालन किया है।
उन्होंने कई बचाव अभियानों में अहम भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में किए गए प्रमुख अभियानों में से एक नवंबर 2020 में अरुणाचल प्रदेश में था। ये ऑपरेशन उच्च ऊंचाई, कठिन मौसम और दूरदराज के स्थानों पर किए गए थे, जहां जान बचाने के लिए हवाई सहायता बहुत जरूरी है। 2021 में, वह माउंट मणिरंग पर तीनों सेनाओं के सभी महिला पर्वतारोहण अभियान में शामिल हुईं, जो 21,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस प्रयास को वायु सेना प्रमुख सहित वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने मान्यता दी थी।
(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)