फतेहपुर की घटना पर यूपी सरकार सख्त, मंत्री सुरेश खन्ना बोले- कानून हाथ में लेने वालों को सख्त सजा मिलेगी

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के सवाल का जवाब देते हुए सुरेश खन्ना ने कहा कि इस घटना में सरकार का और सरकारी तंत्र का कोई इन्वॉल्वमेंट नहीं है, इसका हम पूरी तरह से खंडन करते हैं।

fatehpur old tomb vandalised by hindu organisation accusing it s made on temple

Photograph: (सोशल मीडिया - एक्स)

लखनऊ: फतेहपुर में हाल ही में घटी घटना को लेकर विपक्ष के सवालों के बीच यूपी विधानसभा में मंगलवार को वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार और उसका कोई भी तंत्र इस घटना में किसी भी प्रकार से शामिल नहीं है।  

उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जो भी कानून अपने हाथ में लेगा, उसे सख्त सजा देने का काम हमारी सरकार करेगी। फतेहपुर की घटना सोमवार की है जब एक भीड़ ने मकबरे में तोड़फोड़ की थी और भगवा झंडा भी फहराया था।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के सवाल का जवाब देते हुए सुरेश खन्ना ने कहा कि इस घटना में सरकार का और सरकारी तंत्र का कोई इन्वॉल्वमेंट नहीं है, इसका हम पूरी तरह से खंडन करते हैं। 

'सरकार इस घटना को गंभीरता से ले रही है'

सुरेश खन्ना ने कहा कि घटना के तुरंत बाद 11 अगस्त को थाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। इस एफआईआर में 10 नामजद आरोपियों के अलावा 150 अज्ञात लोगों को भी शामिल किया गया है। सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की गंभीर धाराओं, धारा 190, 191(2), 191(3), 301, 196, के साथ ही आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम-7 और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा-2, 3 के तहत कार्रवाई की जा रही है।

उन्होंने कहा कि ये धाराएं इस बात का संकेत हैं कि सरकार इस घटना को बेहद गंभीरता से ले रही है और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। घटना के संबंध में दर्ज की गई रिपोर्ट से स्पष्ट है कि सरकार अपना काम कर रही है। इसमें कानून अपना काम कर रहा है और जो भी व्यक्ति कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा, उसे न्यायिक प्रक्रिया के तहत दंड जरूर मिलेगा।

'विपक्ष राजनीतिक रंग देने की कर रहा कोशिश'

वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हर हाल में लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन रखना है और किसी भी तरह की अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि विपक्ष इस तरह की घटनाओं को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है, जबकि हकीकत यह है कि पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और बिना देरी किए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी।

इस मामले की गंभीरता को लेकर योगी सरकार सख्ती से कार्रवाई कर रही है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जो हिंदूवादी नेता मामले में पुलिस पर दबाव बना रहे हैं, उनका सरकार पर कोई दबाव नहीं है। सरकार हर कीमत पर कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए प्रयासरत है। 

इसके तहत, प्रदेश सरकार ने क्षेत्र में 10 थानों की पुलिस फोर्स, दो कंपनी पीएसी और प्रशासन की पूरी टीम तैनात कर दी है। दोनों पक्षों से बातचीत कर माहौल सामान्य किया जा रहा है। सरकार का स्पष्ट कहना है कि मामला शांत होने के बाद कार्रवाई का दौर शुरू होगा।

फतेहपुर में क्या हुआ था?

इस मामले में एफआईआर के अनुसार, 11 अगस्त 2025 को सुबह करीब 11 बजे, मंगी मकबरा पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात था। इस दौरान मठ मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति ने मकबरे को मंदिर बताते हुए वहां पूजा-दर्शन के लिए जुलूस निकालने का ऐलान किया था। जुलूस में शामिल लगभग 150 अज्ञात लोगों ने लाठी, डंडे, और झंडे लेकर मकबरे की बैरिकेडिंग तोड़ दी। 

एफआईआर के अनुसार पुलिस ने उन्हें रोकने और समझाने की कोशिश की, लेकिन उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की और मकबरे के अंदर बनी मजारों को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना से स्थानीय मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया और साम्प्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।

(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)

 

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