नई दिल्ली: भारत की ओर से पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत की गई कार्रवाई के बाद अब सेटेलाइट की ताजा तस्वीरें सामने आई हैं। इसमें पता चलता है कि भारत की स्ट्राइक पाकिस्तन के आतंकी ठिकानों को कितना नुकसान पहुंचाया है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को 6 और 7 मई की दरमियानी रात को अंजाम दिया। भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया था।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद गुरुवार को जारी की गई ताजा सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि भारतीय सेना ने इन टार्गेट वाले आतंकी शिविरों पर सटीक हमले किए। मैक्सार टेक्नोलॉजीज (Maxar Technologies) द्वारा जारी की गई तुलनात्मक सैटेलाइट तस्वीरों में महत्वपूर्ण स्थानों पर काफी क्षति नजर आ रही है। खास तौर पर बहावलपुर में जामिया मस्जिद और पाकिस्तान के मुरीदके शहर के भीतर के टार्गेट मरकज तैयबा मस्जिद परिसर को व्यापक नुकसान पहुंचा है।

82 एकड़ में फैला मरकज तैयबा मस्जिद परिसर पाकिस्तान के पंजाब के शेखूपुरा के मुरीदके के नांगल सहदान में स्थित लश्कर-ए-तैयबा का सबसे महत्वपूर्ण ट्रेनिंग कैंप था। 

वहीं, मरकज सुभान अल्लाह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर जिले के कराची मोड़ पर बहावलपुर के बाहरी इलाके में NH-5 (कराची-तोरखम हाईवे) पर स्थित है। यह युवाओं को प्रशिक्षण देने और उन्हें भड़काने के लिए जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य केंद्र था जो 15 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।

पीओके में पांच और पाकिस्तान में 4 ठिकानों पर हुआ था हमला

भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की सीमा के भीतर चार जगहों पर सटीक हमले किए थे। जबकि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पांच जगहों को निशाना बनाया गया था। केंद्र सरकार ने ऑपरेशन के बाद कहा कि यह हमला 'नपा-तुला और उकसावे वाला नहीं था।' सरकार ने ये भी साफ किया जानबूझकर पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर किसी तरह का हमला नहीं किया गया। 

इस ऑपरेशन को भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया गया था। 1971 की जंग के बाद यह एक तरह से पहला मौका था जब तीनों सेनाओं ने पाकिस्तान के खिलाफ मिलकर ऐसी कार्रवाई को अंजाम दिया।

सरकार ने यह भी साफ किया कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आतंकवादियों और उनके बुनियादी ढांचे को बेअसर करने के अपने अधिकार का उसने प्रयोग किया। पहलगाम आतंकी हमला 22 अप्रैल को हुआ था और इसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। 

प्रेस ब्रीफिंग के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बुधवार को कहा कि पहलगाम आतंकी हमले ने पाकिस्तान के आतंकवादियों से संबंधों को उजागर कर दिया है। मिसरी ने कहा, 'जैसा कि आप सभी जानते हैं, 22 अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी और पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादियों ने पहलगाम में पर्यटकों पर बर्बर हमला किया था। 25 भारतीयों और एक नेपाली नागरिक की कायरतापूर्ण हत्या कर दी गई थी। यह 2008 के मुंबई हमले के बाद सबसे गंभीर घटना है, क्योंकि इसमें नागरिकों पर हमला किया गया था।'