नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई करते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया है। भारत की यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के जवाब में थी, जिसमें 26 नागरिकों की नृशंस हत्या कर दी गई थी। भारत ने बुधवार तड़के (मंगलवार आधी रात) पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन से हमले किए और इन्हें तबाह कर दिया।
खास बात ये है कि भारत के चुने गए टार्गेट में कुछ बेहद अहम स्थान शामिल थे और आतंक का बड़ा केंद्र बन चुके थे। पहलगाम आतंकी हमले के तार सीधे तौर पर पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) समूह से जुड़े थे। इसी के एक संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी।
भारत के जवाबी हमले का उद्देश्य लश्कर सहित जैश-ए-मोहम्मद (JeM), हिजबुल मुजाहिदीन और अन्य संबद्ध नेटवर्क द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले आतंक के प्रमुख बुनियादी ढांचों को नष्ट करना था। भारत ने साफ किया है कि उसने पाकिस्तान में किसी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया।
भारत ने बहावलपुर, मुरीदके, गुलपुर, सवाई, बिलाल, कोटली, बरनाला, सरजाल और महमूना में आतंकी ठिकानों पर हमले किए। भारत ने जिन 9 स्थानों पर हमला किया, उसकी पृष्ठभूमि क्या है। भारत ने क्यों ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के लिए इन्हीं 9 ठिकानों को चुना, आइए जानते हैं।
बहावलपुर: जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर
पाकिस्तान के दक्षिणी पंजाब में बहावलपुर भारतीय सेना के प्रमुख लक्ष्यों में से एक था। अंतराष्ट्रीय बॉर्डर से इसकी दूरी करीब 100 किलोमीटर है। यह शहर व्यापक रूप से मसूद अजहर के नेतृत्व वाले आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय माना जाता है। इस समूह ने भारत में कई हाई-प्रोफाइल हमलों की जिम्मेदारी ली है या उनसे जुड़ा हुआ है। इसमें 2001 का संसद पर किया गया हमला और 2019 का पुलवामा आत्मघाती हमला शामिल है।
मुरीदके: लश्कर-ए-तैयबा का बेस और ट्रेनिंग कैम्प
लाहौर से लगभग 40 किलोमीटर उत्तर में मुरीदके लश्कर-ए-तैयबा और उसके कथित धर्मार्थ विंग जमात-उद-दावा का लंबे समय से केंद्र रहा है। 200 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला मुरीदके आतंकियों के लिए प्रशिक्षण क्षेत्र रहा है। यहां आतंकियों के लिए ट्रेनिंग कैम्प के अलावा बड़े पैमाने पर रसद सहायता और अन्य बुनियादी ढाँचे स्थापित हैं। भारत ने लश्कर पर 2008 के मुंबई हमलों के अलावा अन्य घटनाओं की साजिश रचने का आरोप लगाया हुआ है। बताया जाता है कि 26/11 के हमलावरों ने यहीं ट्रेनिंग हासिल की थी।
कोटली: लश्कर का कैम्प, आत्मघाती हमलों का ट्रेनिग बेस
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित कोटली को भारत ने बार-बार आत्मघाती हमलावरों और आतंकियों के लिए एक प्रमुख प्रशिक्षण स्थल के रूप बताया है। सूत्रों के अनुसार कोटली में किसी भी समय 50 से अधिक ट्रेनिंग हासिल कर रहे आतंकियों को रखने की क्षमता है।
गुलपुर: आतंकियों का ठिकाना
गुलपुर आतंकियों का एक और बड़ा ठिकाना है। गुलपुर का इस्तेमाल 2023 और 2024 में जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ में आतंकी कार्रवाई के लिए फॉरवर्ड लॉन्चपैड के रूप में बार-बार किया गया था। एलओसी के पास पुंछ-राजौरी से इसकी दूरी करीब 35-40 किलोमीटर है। 2023 में पुंछ में और 2024 में तीर्थयात्रियों की बस पर हमले की योजना यहीं बनाई गई थी।
सवाई, सरजाल, बरनाला और बिलाल
सवाई का संबंध उत्तरी कश्मीर, विशेषकर सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम में हुए हमलों से रहा है। यहां लश्कर का कैम्प है। 21 अक्टूबर, 2024 को गांदरबल, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की बड़ी योजना यहीं बनाई गई थी। ऐसे ही बिलाल जैश का लॉन्च पैड रहा है। इसके अलावा एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित सरजाल और बरनाला भारत में घुसपैठ के अहम केंद्र रहे हैं। बरनाला असल में राजौरी के पास एलोसी से महज 10 किलोमीटर दूर है। ऐसे ही जैश का कैम्प माना जाने वाला सरजाल सांबा-कठुआ के पास इंटरनेशन बॉर्डर से कुछ 8-10 किलोमीटर दूर है।
महमूना- हिजबुल मुजाहिदीन का ट्रेनिंग सेंटर
सियालकोट के पास स्थित महमूना कैंप का इस्तेमाल हिजबुल मुजाहिदीन द्वारा किया जाता रहा है। इस संगठन का कश्मीर में आतंकवादी की घटनाओं को अंजाम देने का पुराना इतिहास रहा है। हाल के वर्षों में यह संगठन कम सक्रिय नजर आया है। हालांकि, भारतीय अधिकारियों का कहना है कि सीमा पार से, खास तौर पर महमूना जैसे इलाकों से, लोगों को आतंकी ट्रेनिंग देना जाना जारी है।
भारत का ऑपरेशन सिंदूर: इन जगहों पर स्ट्राइक, पूरी लिस्ट
1. मरकज सुभान अल्लाह, बहावलपुर - जैश का ठिकाना (JeM)
2. मरकज तैयबा, मुरीदके - लश्कर
3. सरजल, तेहरा कलां - जेईएम
4. महमूना जोया, सियालकोट - हिजबुल मुजाहिदीन
5. मरकज अहले हदीस, बरनाला - लश्कर
6. मरकज अब्बास, कोटली - जैश
7. मस्कर राहील शाहिद, कोटली - एचएम
8. सवाई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद - लश्कर
9. सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद - जेईएम