रामपुर की 70 प्रतिशत वक्फ संपत्ति सरकारी जमीन पर, वेरिफिकेशन में खुलासा

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में वक्फ संपत्तियों का वेरिफिकेशन पूरा हो गया है। इसमें से करीब 70 प्रतिशत संपत्ति सरकारी गाटों पर पाई गई है। अवैध रूप से स्थापित जमीन पर कार्यवाई की जाएगी।

rampur waqf property

Photograph: (आईएएनएस)

रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में वक्फ संपत्तियों की वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसमें पता चला है कि यहां करीब 70 प्रतिशत वक्फ संपत्तियां सरकारी भूमि पर स्थित हैं। 

जिलाधिकारी जोगेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को बताया कि जिले में कुल 3,365 वक्फ संपत्तियां हैं, जिनका वेरिफिकेशन हाल ही में किया गया। इस वेरिफिकेशन के दौरान पता चला कि इनमें से 2,363 सरकारी भूमि पर हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल लगभग 400 हेक्टेयर है।

2,363 वक्फ संपत्तियां सरकारी गाटों पर स्थित

जिलाधिकारी ने बताया कि रामपुर जिले में छह तहसीलें हैं। इन सभी तहसीलों में वक्फ संपत्तियों की सूची भेजी गई थी, जिनका वेरिफिकेशन किया गया। वेरिफिकेशन के दौरान यह पता चला कि 2,363 वक्फ संपत्तियां सरकारी गाटों या सरकारी भूखंडों पर स्थित हैं। इस वेरिफिकेशन प्रक्रिया के तहत रेवेन्यू रिकॉर्ड और तहसीलों के अभिलेखों का इस्तेमाल किया गया। इन अभिलेखों में यह साफ तौर पर दर्ज है कि किस सरकारी भूमि पर क्या संपत्ति है और उसकी स्वामित्व स्थिति क्या है।

जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि वक्फ संपत्ति वही मानी जाती है, जिसे कोई व्यक्ति निजी तौर पर दान करता है और सरकारी संपत्ति पर दान का कोई प्रावधान नहीं है। वक्फ संपत्तियों का वेरिफिकेशन करते समय, उन संपत्तियों को भी चिह्नित किया गया जो सरकारी गाटों पर स्थित हैं। कुल मिलाकर, वक्फ संपत्तियों में से 396 हेक्टेयर भूमि सरकारी भूखंडों पर पाई गई हैं।

अवैध संपत्तियां स्थापित की गईं

इस प्रक्रिया के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि सरकारी भूमि पर वक्फ संपत्तियां अवैध रूप से स्थापित की गई हैं। इस पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि इस पूरी वेरिफिकेशन प्रक्रिया में 1359 मूल अभिलेखों का उपयोग किया गया, जो किसी भी प्रकार के संदेह से मुक्त हैं और अदालतों में भी इन्हीं अभिलेखों को आधार माना जाता है।

अब जिला प्रशासन ने इन वक्फ संपत्तियों की पूरी जानकारी सरकार को भेज दी है, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। इस वेरिफिकेशन प्रक्रिया से प्रशासन को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि सरकारी भूमि पर कब्जे की स्थिति स्पष्ट हो और अवैध कब्जे पर रोक लगाई जा सके।


(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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