नई दिल्लीः पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों ने जान गंवाई। हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा था कि वह हमले की 'तटस्थ जांच' के लिए तैयार हैं। 

अब पाकिस्तान ने इसकी जांच के लिए रूस, चीन और अन्य "पश्चिमी देशों" के हस्तक्षेप की मांग की है। गौरतलब है कि इस हमले के बाद भारत की तरफ से कई कूटनीतिक कदम उठाए गए जिसमें सिंधु जल संधि पर अस्थायी रूप से तत्काल रोक लगाई गई। इसके साथ पाकिस्तानी नागरिकों से जल्द ही देश छोड़ने को कहा गया था। 

पाकिस्तान ने व्यक्त की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान ने भी इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिमला समझौते को रद्द कर दिया था और पाकिस्तानी हवाई रास्ते पर भारतीय विमानों के प्रवेश पर रोक लगाई थी। 

वहीं, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रूसी सरकार की आरआईए नोवोस्टी न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए कहा " मुझे लगता है रूस या चीन या फिर पश्चिमी देश इस संकट में बहुत ही सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं और वे एक जांच दल का गठन भी कर सकते हैं, जिसे यह जांच करने का काम सौंपा जाना चाहिए कि भारत या मोदी सच बोल रहे हैं या झूठ। एक अंतर्राष्ट्रीय टीम को पता करने दें।"

आसिफ ने आगे कहा " आइए जानें कि भारत में, कश्मीर में हुई इस घटना का दोषी और अपराधी कौन है बातचीत या खोखले बयानों का कोई असर नहीं होता। कुछ संबंध होने चाहिए कि पाकिस्तान इसमें शामिल है या ये लोग पाकिस्तान द्वारा समर्थित थे। ये केवल बयान हैं, खालिस बयान, इसके सिवा कुछ नहीं।"

डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा?

वहीं, पहलगाम की इस घटना पर अमेरिकी राष्ट्रपति से सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा था कि अमेरिका का इसमें हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है। इस दौरान ट्रंप ने कहा था कि सीमा पर 1,500 सालों से तनाव जारी है। इसके साथ ही ट्रंप ने कहा था कि वह दोनों नेताओं को जानते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच भारी तनाव है लेकिन यह हमेशा से रहा है। 

22 अप्रैल को हुए इस हमले के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए जांच कर रही है। एनआई इस आतंकी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए चश्मदीदों के बयान ले रही है और ओवर ग्राउंड वर्कर्स से पूछताछ कर रही है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर राज्य में जांच के लिए कई टीमों की तैनाती की गई।