इस्लामाबादः पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा है कि इस्लामाबाद इस हमले की 'तटस्थ जांच' के लिए तैयार है। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई।
एबटाबाद स्थित एक सैन्य समारोह में संबोधन के दौरान शरीफ ने कहा "पाकिस्तान किसी भी तटस्थ, पारदर्शी और विश्वसनीय जांच में भाग लेने के लिए तैयार है।"
शाहबाज ने जोर देकर कहा
इस दौरान शाहबाज ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तानी सेना किसी भी दुस्साहस के खिलाफ देश की संप्रभुता और इसकी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह सक्षम और तैयार है, जैसा कि फरवरी 2019 में भारत के दुस्साहसी आक्रमण के प्रति उनकी संयमित लेकिन दृढ़ प्रतिक्रिया से स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होता है।
डॉन.कॉम के मुताबिक काकुल में पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी में पासिंग-आउट परेड को संबोधित करते हुए, शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत बिना किसी विश्वसनीय जांच या सत्यापन योग्य सबूत के आधारहीन और झूठे आरोप पाकिस्तान पर लगा रहा है।
पाकिस्तानी पीएम ने कहा, "एक जिम्मेदार देश के रूप में अपनी भूमिका को जारी रखते हुए, पाकिस्तान किसी भी निष्पक्ष, पारदर्शी और विश्वसनीय जांच में भाग लेने के लिए तैयार है।"
इस दौरान शहबाज शरीफ ने एक बार फिर जम्मू कश्मीर का राग अलापा। उन्होंने कहा, "मुझे कश्मीर के महत्व को रेखांकित करना होगा, जैसा कि राष्ट्र के संस्थापक कायदे-आजम मोहम्मद अली जिन्ना ने सही कहा था, कश्मीर पाकिस्तान की गर्दन की नस है।"
आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा
प्रधानमंत्री ने कहा, "पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की है।" उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ दुनिया का अग्रणी देश बताते हुए कहा, "हमने भारी नुकसान उठाया, जिसमें 90,000 लोग हताहत हुए और 600 बिलियन डॉलर से अधिक की आर्थिक हानि हुई।"
इससे पहले पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने न्यू यॉर्क टाइम्स से कहा था कि इस्लामाबाद "अंतर्राष्ट्रीय निरीक्षकों" द्वारा की जाने वाली किसी भी जांच में "सहयोग करने के लिए तैयार" है।
पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। नई दिल्ली ने इस्लामबाद के खिलाफ कई सख्त कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए हैं। इनमें 1960 के सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, जैसे कई कदम उठाए हैं।
वहीं, पाकिस्तान की तरफ से भी भारत के इस फैसले पर प्रतिक्रिया आई है। पाकिस्तान ने 1972 में हुए शिमला समझौते को स्थगित करने का फैसला किया है। इसके साथ ही पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में भारतीय विमानों के प्रवेश पर रोक लगाई है।
(आईएएनएस से इनपुट के साथ)