पाकिस्तान को चुकानी पड़ेगी आतंकवाद की कीमत, अमेरिका में बोले शशि थरूर

Operation Sindoor पर शशि थरूर का प्रतिनिधिमंडल अमेरिका पहुंचा है। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान की कारगुजारियों के बारे में बताया। प्रतिनिधिमंडल गुयाना, ब्राजील, कोलंबिया भी जाएगा।

pakistan have to pay for terrorism shashi tharoor while addressing indian consulate in new york

शशि थरूर का प्रतिनिधिमंडल अमेरिका पहुंचा Photograph: (आईएएनएस)

नई दिल्लीः शशि थरूर ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन करने की कीमत चुकानी पड़ेगी। थरूर ने कहा कि भारत ने ऐसा कर दिखाया है क्योंकि इस्लामाबाद इस संबंध में कोई गंभीरता नहीं दिखा रहा है।

दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दुनियाभर में भारत का पक्ष रखने के लिए सात प्रतिनिधिमंडल बनाए गए हैं। इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कांग्रेस नेता शशि थरूर कर रहे हैं। यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका पहुंचा है। 

भारतीय वाणिज्य दूतावास को किया संबोधित

थरूर ने न्यू यॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान एक "संशोधनवादी शक्ति" है जो भारतीय क्षेत्र पर नियंत्रण पाने के लिए आतंक का इस्तेमाल करने को तैयार है।

इसके साथ ही थरूर ने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों के ऊपर हुए आतंकी हमले को इसका हिस्सा बताया। थरूर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान भारत में सामान्य स्थिति को भड़काने का प्रयास कर रहा था क्योंकि आतंकियों ने हिंदुओं को निशाना बनाते हुए मारा। 

यह भी पढ़ें - न्यूयॉर्क में शशि थरूर ने आतंकवाद की तीखी टिप्पणी

इस दौरान थरूर ने कहा कि पाकिस्तान में बैठे किसी को भी यह विश्वास करने नहीं दिया जाएगा कि वे सीमा पार करके आएंगे और हमारे नागरिकों को बिना किसी दंड के मार कर चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि भारत ने 2016 में हुए उरी हमले के बाद नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। वहीं, 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद आतंकी शिविरों को निशाना बनाते हुए एयर स्ट्राइक की गई थी।

थरूर ने आगे कहा "अब हमने सिर्फ एलओसी पार नहीं किया बल्कि हमने अंतर्राष्ट्रीय सीमा भी पार की है। हमने पाकिस्तान के गढ़ में जाकर हमला किया है और हमने ऐसा केवल आतंक के बारे में संदेश देने के लिए किया है। हम इस बात पर पूरी तरह से स्पष्ट हैं कि हमें पाकिस्तान के साथ युद्ध में कोई दिलचस्पी नहीं है।"

पाकिस्तान जैसी नहीं है मंशा

थरूर ने कहा कि हमारी ऐसी कोई मंशा नहीं है जैसी पाकिस्तान की है। दुख की बात है कि हम भले ही यथास्थितिवादी ताकत हैं लेकिन वे नहीं हैं। वे एक संशोधनवादी ताकत हैं जो भारत के नियंत्रण वाले क्षेत्र पर लालच करते हैं और वे इसी किसी भी हालत में प्राप्त करना चाहते हैं। इसके लिए वे आतंकवाद का इस्तेमाल करते हैं, जो कि हमें स्वीकार्य नहीं है। 

गौरतलब है कि पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंट फ्रंट नामक संगठन ने ली थी जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हिस्सा है। 

यह भी पढ़ें- दिल्ली हाई कोर्ट ने शशि थरूर को क्यों भेजा नोटिस?

इस हमले के जवाब में भारत ने छह और सात मई की दरम्यानी रात पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था। इसके बाद पाकिस्तान ने भी भारत पर सीमा पार मिसाइल और ड्रोन से हमले किए थे जिसके जवाब में भारत ने कार्रवाई की थी। भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई तक यह संघर्ष जारी रहा। इसके बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच सीजफायर समझौता हुआ। 

थरूर ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को बहुत स्मार्ट तरीके से निशाना बनाया था। 

आतंकवादियों को दिया सख्त संदेश

उन्होंने कहा "हमने कुछ शुरू नहीं करना चाहते थे। हम बस आतंकवादियों को संदेश दे रहे थे। आपने शुरु किया, हमने जवाब दिया। आपने बंद किया हम बंद कर देंगे। "

थरूर ने इस दौरान भारत द्वारा आतंकवाद से निपटने के संबंध में पाकिस्तान के साथ पूर्व में किए गए प्रयासों की बात कही। इस दौरान उन्होंने 2008 में मुंबई आतंकी हमले (Mumnai Terror Attack) का जिक्र किया और 2016 में पठानकोट का भी जिक्र किया। 

थरूर ने कहा "हमने सारे प्रयास किए, अंतर्राष्ट्रीय डोजियर, प्रतिबंध समिति को शिकायतें, कूटनीति...पाकिस्तान हमेशा इंकार करता रहा है। उस देश में कोई दोषसिद्धि नहीं हुई, कोई गंभीर आपराधिक मुकदमा नहीं चला, उस देश में आतंकी ढांचे को खत्म करने और सुरक्षित पनाहगाहों के बने रहने का कोई प्रयास नहीं किया।"

यह भी पढ़ें - लालू यादव ने क्यों उठाया ऐसा कदम?

थरूर के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल ब्राजील,कोलंबिया, गुयाना, पनामा भी जाएगा और अगले महीने वापस आकर अमेरिका में सांसदों और नेताओं से मिलेगा। 

यह प्रतिनिधिमंडल 9/11 के राष्ट्रीय मेमोरियल भी पहुंचा और 11 सितंबर, 2001 को आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत की एकजुटता दोहराई।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article