पटनाः लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी और परिवार से अलग कर दिया है। तेज प्रताप यादव को छह साल के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) राजद प्रमुख लालू यादव ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। 

लालू यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि नैतिक मूल्यों की अवहेलना के चलते यह कदम उठाया गया है। इसके साथ ही इस ट्वीट में यह भी लिखा गया है कि तेज प्रताप अपना भला-बुरा और गुण-दोष देखने में सक्षम हैं। इसके अलावा तेज प्रताप के साथ संबंध रखने वाले लोगों से स्वविवेक से निर्णय लेने को कहा गया है।

एक्स पोस्ट में क्या लिखा?

लालू ने एक्स पोस्ट में लिखा "निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूँ। अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है।

अपने निजी जीवन का भला -बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें। लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूँ। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है। धन्यवाद।"

बिहार में चुनाव से पहले इसे एक बड़ी सियासी उठापटक के रूप में देखा जा रहा है।

क्या है पूरा मामला? 

दरअसल शनिवार को तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए बताया था कि वह अनुष्का यादव के साथ बीते 12 सालों से रिलेशन में हैं। तेज प्रताप यादव ने इसके आगे लिखा था कि मैं इसकी जानकारी देना चाहता था लेकिन मुझे समझ नहीं आया कि कैसे करूं। तेज प्रताप ने आगे लिखा था कि आज इस पोस्ट के माध्यम से अपनी बात रख रहा हूं। 

तेज प्रताप का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और इस पर चर्चा होने लगी। वहीं, लालू परिवार पर भी सवाल उठने शुरू हो गए। ऐसे में लालू यादव की तरफ से बड़ा कदम उठाया गया है। 

वहीं, लालू प्रसाद यादव के इस कदम के बारे में पूर्व उपमुख्यमंत्री और छोटे बेटे तेजस्वी यादव की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने पिता के पोस्ट का समर्थन किया है और कहा है कि वह नेता प्रतिपक्ष के रूप में बिहार की जनता के लिए काम कर रहे हैं। इसके साथ ही तेजस्वी ने कहा है कि वह बड़े हैं और उन्हें निजी जीवन में चुनने की आजादी है। 

गौरतलब है कि बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होना है। ऐसे में राजद पर कहीं न कहीं सवाल उठ रहे थे। इससे पार्टी को सियासी नुकसान भी नजर आ रहा था। ऐसे में बहुत संभव है कि इस सियासी नफा नुकसान को देखते हुए ही इस कदम को उठाने का निर्णय लिया गया है। वैसे इसका असर चुनाव पर कितना पड़ेगा यह तो आने वाले वक्त में ही पता चल सकेगा।