सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की बढ़ी मुश्किलें, भ्रष्टाचार मामले की होगी जांच; गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी

गृह मंत्रालय ने इस संबंध में एलजी सचिवालय को चिट्ठी भेज दी है और मामले में भ्रष्टाचार कानून के तहत जांच करने को कहा है। यह अनुमति भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दी गई है

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सिसोदिया-जैन

सिसोदिया-जैन Photograph: (Social Media)

भ्रष्टाचार के मामले में मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। दरअसल, गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय को भ्रष्टाचार के मामले में जांच करने की स्वीकृति दे दी। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में एलजी सचिवालय को चिट्ठी भेज दी है और मामले में भ्रष्टाचार कानून के तहत जांच करने को कहा है। यह अनुमति भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत दी गई है और इसकी जानकारी उपराज्यपाल (LG) सचिवालय को भेजी गई है। बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने पहले दिल्ली उपराज्यपाल कार्यालय के माध्यम से गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी थी। इस अनुरोध पर विचार करते हुए मंत्रालय ने अब जांच की अनुमति प्रदान कर दी है।

राष्ट्रपति ने सत्येंद्र जैन पर मुकदमा चलाने को दी थी मंजूरी

इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की जा रही धन शोधन मामले में आप नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय की जांच के आधार पर यह मांग की थी। सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने हवाला के जरिए अवैध धन प्राप्त किया। मई 2022 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था, फिलहाल वह जमानत पर हैं। सीबीआई ने 2017 में उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज किया था।

ईडी ने दर्ज किया है पीएमएलए के तहत केस

मनी-लॉन्ड्रिंग का मामला इस आरोप पर दर्ज किया गया था कि जैन ने 2015 से 2017 के बीच विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर चल संपत्ति अर्जित की थी, जिसका वह संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके। बाद में ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत भी मामला दर्ज किया और आरोप लगाया कि उनके स्वामित्व वाली और नियंत्रित कई कंपनियों ने हवाला के माध्यम से कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को हस्तांतरित नकदी के बदले शेल कंपनियों से 4।81 करोड़ रुपये की आवास प्रविष्टियां प्राप्त कीं।

जमानत पर बाहर हैं केजरीवाल-सिसोदिया

बता दें कि सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने और फिर 12 दिन बाद ईडी ने गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 9 अगस्त, 2024 को उन्हें यह कहते हुए जमानत दी कि 'निकट भविष्य में मुकदमा समाप्त होने की दूर-दूर तक संभावना नहीं है।' जबकि केजरीवाल को कथित शराब घोटाले के मामले में 21 मार्च, 2024 को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले ईडी ने उन्हें 9 बार समन भेजा था, लेकिन वे पेश नहीं हुए थे। ईडी ने हिरासत में लेने के बाद उनसे पूछताछ की और कोर्ट में बताया कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे है। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 12 जुलाई को ईडी से जुड़े मामले में और फिर 13 सितंबर को सीबीआई से जुड़े मामले में जमानत दे दी थी। इसके बाद जेल से बाहर आने पर केजरीवाल ने 17 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

 

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