मणिपुर में फिर बढ़ा तनाव, हिंसक प्रदर्शन के बीच इंटरनेट सेवाएं बंद; बिष्णुपुर में लगा कर्फ्यू

मणिपुर में आंदोलनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद अगले पांच दिनों तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। 9 फरवरी को एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया था और 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है।

manipur internet services suspended for next five days after clash between security forces and protestors

मणिपुर में 3 मई 2023 से जारी है संघर्ष Photograph: (आईएएनएस)

इंफालः मणिपुर में एक बार फिर से हालात बिगड़ गए हैं जिसके चलते इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाना पड़ा और कर्फ्यू की स्थिति भी बनी। शनिवार को राज्य में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद घाटी जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं बंद कर दी गई हैं। शनिवार शाम को राजधानी इंफाल में आंदोलनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद यह कदम उठाया गया है। बिष्णुपुर जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है जबकि पूर्वी इंफाल, पश्चिमी इंफाल, थौबुल और काकचिंग जिलों में लोगों की आवाजाही पर भी कुछ रोक लगाई गई है। यहां पर पांच या उससे अधिक लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है। 

इस संबंध में मणिपुर पुलिस ने सोशल मीडिया हैंडल पर यह जानकारी देते हुए पुष्टि की। पुलिस ने एक्स अकाउंट से इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने, कर्फ्यू और निषेधात्मक आदेशों की कॉपी शेयर की है। 

पांच दिनों तक बंद इंटरनेट सेवाएं

इस आदेश के तहत अगले पांच दिनों तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। यह आदेश कमिश्नर और राज्य के गृह सचिव द्वारा जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि "मणिपुर राज्य में विशेष रूप से इम्फाल पश्चिम, इम्फाल पूर्व, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए यह आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता की भावनाओं को भड़काने वाले चित्र, घृणास्पद भाषण और घृणास्पद वीडियो संदेशों के प्रसारण के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का उपयोग कर सकते हैं, जिसके मणिपुर राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।"

आदेश में कहा गया है कि सात जून से अगले पांच दिनों तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी क्योंकि सोशल मीडिया और मोबाइल सेवाओं का उपयोग करके संदेशों के माध्यम से भड़काऊ सामग्री और झूठी अफवाहों के परिणामस्वरूप जानमाल की हानि सार्वजनिक/ निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचने तथा सार्वजनिक शांति और सांप्रदायिक सद्भाव में व्यापक गड़बड़ी फैलने का खतरा है। 

लोगों की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुए प्रदर्शन

इंफाल में मैतेई समुदाय के अरंबाई टेंग्गोल समूह के कमांडर समेत पांच वॉलंटियर्स की गिरफ्तारी की खबर फैलने के बाद इंफाल में प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकी पर हमला भी बोल दिया और गिरफ्तार किए गए लोगों की रिहाई की मांग करने लगी। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों ने कई राउंड फायरिंग की। इस घटना में दो पत्रकारों समेत कम से कम तीन लोग घायल हुए हैं। कई अन्य जगहों पर प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों से झड़प हुई है। 

यह भी पढ़ेंः मणिपुर में सरकार बनाने का दावा पेश

इस दौरान म्यांमार के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करने वाला मोरेह भी शनिवार को पूरी तरह से बंद रहा। यहां पर कुकी-जो की गिरफ्तारी पर निवासियों के विरोध के बाद ऐसी स्थिति रही। हालांकि, यहां पर किसी भी तरह की हिंसा की रिपोर्ट नहीं देखी गई है। 

हालांकि, मणिपुर प्रशासन की तरफ से अचानक से हुई इस घटना के संबंध में अभी तक कोई बयान नहीं जारी किया गया है जिससे राज्य की स्थिति में उथल-पुथल मच गई। 

एन बीरेन सिंह का इस्तीफा

गौरतलब है कि राज्य में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच दो साल से अधिक समय से संघर्ष जारी है। दोनों समुदायों के बीच 3 मई 2023 को तनाव शुरू हुआ था और इस दौरान करीब 250 लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर होने को मजबूर हुए। 

राज्य में जारी तनाव के बीच इसी साल 9 फरवरी को एन बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है। इसके बाद 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article