मुझे जेल जाने की परवाह नहीं, हटाए गए शिक्षकों से मिलकर क्या बोलीं ममता बनर्जी?

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित शिक्षकों से मुलाकात की और कहा कि वह इस फैसले को स्वीकार नहीं कर सकतीं जिसमें कोलकाता हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा गया था।

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यह फैसला राज्य में शिक्षक और गैर-शिक्षण कार्यों के लिए भर्ती प्रक्रिया को रद्द करता है, जिससे 25,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।

ममता बनर्जी ने नेताजी इंडोर स्टेडियम में शिक्षकों से कहा कि वह पत्थर दिल नहीं हैं और उन्हें जेल जाने की भी परवाह नहीं है, लेकिन वह इस फैसले को नहीं मान सकतीं।

सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल को दिए गए फैसले में भर्ती को "दूषित और कलंकित" करार दिया और कहा कि इसमें बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी।

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सीएम बनर्जी ने न्यायपालिका का सम्मान करने की बात कही लेकिन फैसले को अस्वीकार किया और व्यापम घोटाले का हवाला देकर भाजपा पर निशाना साधा।

ममता ने पूछा कि मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले में कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई और केवल बंगाल को क्यों निशाना बनाया जा रहा है।

उन्होंने भाजपा और केंद्रीय एजेंसियों पर आरोप लगाया कि वे बंगाल की शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 120 याचिकाओं पर सुनवाई की, जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका भी शामिल थी, और पाया कि 24,640 पदों के लिए 23 लाख आवेदन आए थे, लेकिन नियुक्ति पत्र 25,700 शिक्षकों को दिए गए थे।

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ममता बनर्जी ने प्रभावित अभ्यर्थियों का मानवीय आधार पर समर्थन जारी रखने की बात कही।