कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित शिक्षकों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को स्वीकार नहीं कर सकतीं जिसमें अदालत में कोलकाता हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था।
इस फैसले के तहत राज्य में शिक्षक और गैर-शिक्षण कार्यों के लिए भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया था। इस फैसले से 25,000 से अधिक लोग प्रभावित हैं।
नेताजी इंडोर स्टेडियम में की मुलाकात
सीएम ममता बनर्जी ने कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में प्रभावित शिक्षकों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा "हम पत्थर दिल नहीं हैं... ऐसा कहने के लिए मुझे जेल भी हो सकती है लेकिन मुझे परवाह नहीं।" बनर्जी ने आगे कहा कि यह मत समझिए कि हमने फैसला स्वीकार कर लिया है।
VIDEO | School jobs case: "Please don't consider that we have accepted it... we are not stone-hearted, and I can even be jailed for saying this, but I don't care..." says West Bengal CM Mamata Banerjee (@MamataOfficial), addressing people who lost their jobs as teaching and… pic.twitter.com/gXbDMzxZPb
— Press Trust of India (@PTI_News) April 7, 2025
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह फैसला बीती तीन अप्रैल को सुनाया गया था। फैसला सुनाते वक्त अदालत ने इस भर्ती को "दूषित और कलंकित" करार दिया था। इसके साथ ही इस भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली और हेरफेर की भी बात कही थी।
अदालत के इस फैसले के बाद बीते सप्ताह सीएम बनर्जी ने कहा था कि "मैं न्यायपालिका का सम्मान करती हूं लेकिन इस फैसले को स्वीकार नहीं कर सकती।" इसके साथ ही ममता ने मध्य प्रदेश में हुए व्यापम घोटाले को लेकर भाजपा पर निशाना साधा था।
व्यापम घोटाले पर उठाया सवाल
ममता ने सवाल पूछा था कि मध्य प्रदेश में हुए व्यापम घोटाले में कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई थी? सिर्फ बंगाल को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? इसके साथ ही ममता ने भाजपा और केंद्रीय एजेंसियों पर बंगाल की शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने का आरोप लगाया था।
सीएम बनर्जी ने यह भी कहा था कि वह प्रभावित अभ्यर्थियों का मानवीय आधार पर समर्थन करती रहेंगी।
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 120 याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी। इसमें से एक याचिका पश्चिम बंगाल सरकार ने भी डाली थी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते वक्त कहा था कि इस भर्ती के लिए 24,640 पदों पर आवेदन मांगे गए थे। इन पदों के लिए 23 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। हालांकि नियुक्ति पत्र 25 हजार 700 शिक्षकों को दिया गया था।