तमिलनाडुः पुलिस कस्टडी में हुई थी मंदिर गार्ड की मौत, हाई कोर्ट जांच में बड़ा खुलासा

मद्रास हाई कोर्ट द्वारा अजीत कुमार की मौत में न्यायिक जांच पूरी हो गई है। इस जांच में मंदिर गार्ड अजीत कुमार की मौत पुलिस कस्टडी में हुई, इसकी पुष्टि हुई।

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पुलिस कस्टडी में हुई थी मंदिर गार्ड की मौत, जांच ने की पुष्टि Photograph: (बोले भारत डेस्क)

चेन्नईः मद्रास हाई कोर्ट द्वारा मंदिर गार्ड अजीत कुमार की मौत की जांच के लिए न्यायिक जांच का आदेश दिया गया था। न्यायिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि अजीत कुमार की मौत पुलिस कस्टडी में हुई थी। यह जांच अदालत के निगरानी में हुई है। अजीत के परिवार और विपक्षी दलों के नेताओं के यह आरोप लगाने के बाद कि अजीत कुमार की मौत पुलिस कस्टडी में हुई है, इसके बाद जांच का आदेश दिया गया था। यह घटना राज्य के शिवगंगा जिले की है।

इंडिया टुडे ने अधिकारियों के हवाले से लिखा कि मामले को देख रही सीबीआई अब इस बात का फैसला करेगी कि मामले में अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को आरोपियों की सूची में शामिल करना चाहिए या नहीं। पुलिस ने अब तक इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। 

क्या अभी और गिरफ्तारियां होंगी?

जांच के निष्कर्षों में इस बात का भी पता लगने की उम्मीद है कि क्या अभी और अधिक गिरफ्तारियां या आरोप लगाए जाने की संभावना है। 

27 वर्षीय अजीत कुमार की पुलिस हिरासत में मौत के बाद व्यापक स्तर पर लोगों में रोष पैदा कर दिया। इसका एक वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ जिसमें उसे बार-बार डंडे से पीटा जा रहा था। अजीत को ज्वैलरी चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और पुलिस की कस्टडी में उसकी मौत हो गई।

इससे पहले पुलिस ने दावा किया था कि भागने की कोशिश करते समय अजीत को मिर्गी का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि उसे पीट-पीटकर मार डाला गया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या पता चला?

पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में यह भी पता चला कि अजीत कुमार को बहुत ज्यादा रक्तस्राव हुआ। ऐसा पुलिस कस्टडी में गंभीर और व्यापक हमले के कारण हुआ था। रिपोर्ट में यह पता चला है कि अजीत के शरीर में 44 चोटों के निशान हैं। इनमें मासंपेशियों में चोट, दिमागी चोट को दर्शाता है। इससे पता चलता है कि पुलिस कस्टडी में अजीत को पुलिस दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा।

इस मामले में सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा था कि "क्या वह आतंकवादी था?" इस मामले में विपक्षी दल एआईएडीएमके (AIADMK) की कानूनी शाखा ने याचिका दायर की थी। 

यह घटना थिरुपुवनम में हुई जहां अजीत कुमार को चोरी की शिकायत के आधार पर पूछताछ के लिए उठाया गया था। दरअसल, एक 42 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया था जब वह मदापुरम कलिम्मान मंदिर गई थी तो उसने सुरक्षा गार्ड के तौर पर तैनात अजीत कुमार से गाड़ी पार्क करने को कहा था। महिला ने कहा कि उसकी गाड़ी से 80 ग्राम सोना गायब था। 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अजीत ने कथित तौर पर कार को हटाने के लिए किसी अन्य व्यक्ति से मदद मांगी क्योंकि उसे गाड़ी चलानी नहीं आती थी। 

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